बिनौली इंस्पेक्टर, दो दरोगा समेत 11 सिपाही लाइन हाजिर
  इंस्पेक्टर समेत पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज
मुकदमा दर्ज होने के बाद ग्रामीणों ने उठने दिया शव


बागपत।
बागपत के रंछाड़ गांव में पूरी रात चले हंगामा और ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद युवक की मौत के मामले में आखिर 10 पुलिसकर्मियों पर गाज गिर ही गई। युवक की मौत और उसकी मां को हिरासत में लेने के विरोध में रातभर बवाल होता रहा। मंगलवार सुबह करीब सात बजे 10 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर और पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद ग्रामीणों ने शव उठने दिया।



दरअसल, रंछाड़ गांव में सोमवार दोपहर वैक्सीनेशन कैंप में कांस्टेबल सलीम और आरएसएस के बिनौली खंड संघचालक श्रीनिवास के पुत्र अक्षय के बीच कहासुनी के बाद मारपीट हो गई थी, जिसके बाद दो थानों की फोर्स उनके गांव में पहुंची। इस दौरान पुलिस ने अक्षय की मां मधु और ताई कमलेश के साथ दो व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया। आरोप है कि घर में तोड़फोड़ भी की गई। पुलिस ने अक्षय और उसके परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज भी किया गया था।
इसके कुछ देर बाद अक्षय का शव अपने नलकूप पर फांसी के फंदे पर लटका मिला। जिस पर गांव में जमकर बवाल हुआ। रालोद नेता भी मौके पर पहुंच गए। एएसपी मनीष कुमार मिश्रा, सीओ अनुज मिश्रा व आलोक सिंह के साथ कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया। हंगामा कर रहे ग्रामीणों ने पीएसी को भी दौड़ा लिया था। आईजी को मौके पर बुलाने और पूरे थाने को सस्पेंड करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने पूरी रात हंगामा किया।
इसके बाद मंगलवार सुबह अक्षय के पिता श्रीनिवास की तहरीर पर इंस्पेक्टर चंद्रकांत पांडेय, एसएसआई उधम सिंह तालान, कांस्टेबल सलीम, अश्वनी, रंगरूट मुरली के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पांचों पुलिसकर्मियों समेत 10 को लाइन हाजिर भी किया गया। इस कार्रवाई के बाद ग्रामीण शांत हुए। उधर, सुबह करीब सात बजे अक्षय का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
उधर, अक्षय के पिता श्रीनिवास की तहरीर पर थाने में इंस्पेक्टर चंद्रकांत पांडेय, एसएसआई उधम सिंह तालान, सिपाही अश्वनी व हेड कॉन्स्टेबल सलीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि पुलिस ने श्रीनिवास की पत्नी कुसुम से मारपीट करते हुए घर में तोड़-फोड़ कर दी, जिससे प्रताड़ित होकर उसके बेटे अक्षय ने आत्महत्या कर ली। उधर, अक्षय और ग्रामीणों की दोनों मांग पूरी होने के बाद ही पुलिस को सुबह पौने सात बजे शव को उठाने दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है। गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
चार साल पहले भी लाइन हाजिर हुए थे बिनौली इंस्पेक्टर
बागपत। बता दें कि तकरीबन 4 साल पहले 6 दिसंबर, 2017 को भी बिनौली थाना इंस्पेक्टर लाइन हाजिर हुए थे। ग्रामीणों द्वारा अवैध पशु कटान, अपराधियों से सांठगांठ, आपराधिक घटनाओं पर अंकुश न लगाने की शिकायत शासन- प्रशासन से की गई थी। जिसके बाद शासन स्तर से तत्कालीन कमिश्नर मेरठ डॉ. प्रभात कुमार ने इसकी जांच तत्काली एडीएम रहे लोकपाल से कराई थी। बताया जाता है कि एडीएम की जांच में ग्रामीणों की शिकायत सही पाई गई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नर मेरठ ने थाना प्रभारी चन्द्रकान्त पांडेय के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी थी।
इतना ही नहीं कमिश्नर ने तत्काली एसपी बागपत जयप्रकाश को भी आदेश दिया था कि उपनिरीक्षक को कभी भविष्य में भी चार्ज नहीं दिया जाए। उस दौरान एसपी रहे जयप्रकाश ने चन्द्रकांत पांडेय को गत 6 दिसंबर 2017 को लाइन हाजिर कर दिया था। इसके बावजूद फिर से बागपत एसपी ने उन्हें इसी थाने का चार्ज दे दिया।


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