मुजफ्फरनगर, 13 जुलाई 2021। देश टीबी मुक्त हो सके इसके लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में टीबी मरीजों को तलाश करने के लिए जिले में विभाग की ओर से जियो टैगिंग अभियान चलाया जा रहा है ताकि मरीजों चिन्हित कर उनका उपचार किया जा सके। विभाग की ओर से ऐसे मरीजों की लोकेशन निक्षय पोर्टल पर दर्ज की जा रही है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया भारत को 2025 तक क्षय रोग मुक्त करने के लक्ष्य के लिए लगातार क्षय रोगियों की पहचान और तुरंत उपचार शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग की ओर से जियो टैगिंग के माध्यम से चिन्हित कर मरीजों को ढूंढने का काम किया जा रहा है। यह अभियान जनपद के सभी नौ ब्लॉकों- जानसठ, मोरना, पुरकाजी, मेघाखेड़ी, खतौली, चरथावल, शाहपुर, बघरा, सदर में किया जा रहा है। इसके लिए विभाग की ओर से वर्ष 2019, 2020 व 2021 के निजी व सरकारी क्षेत्र के सभी क्षय रोगियों की जियो टैगिंग करते हुए उनकी लोकेशन अपडेट की जा रही है। इससे यह पता चल जाएगा कि किस क्षेत्र में टीबी रोगी ज्यादा हैं। इससे टीबी रोगी खोजी अभियान के दौरान उस क्षेत्र पर विशेष फोकस किया जा सकेगा। उन्होंने बताया भारत सरकार की सेंट्रल टीबी डिवीजन के निर्देश के क्रम में पूरे प्रदेश के क्षय रोगियों की लोकेशन ऑनलाइन किये जाने का काम किया जा रहा है। जिला क्रार्यक्रम समन्वयक सहबान ने बताया सभी रोगियों (सरकारी एवं निजी क्षेत्र) की निक्षय मोबाइल एप पर टीयू/पीएचआई लॉगिन के माध्यम से जियो टैगिंग करते हुए लोकेशन अपडेट की जा रही है। उन्होंने बताया जियो टैगिंग का मुख्य उद्देश्य टीबी रोगियों के निवास की पहचान करना है। पूरी जानकारी मैप के जरिए ऑनलाइन मिल सकेगी। जियो टैगिंग से किस क्षेत्र में कितने क्षय रोगी हैं यह देखा जा सकेगा और फिर विभागीय अधिकारी संबंधित क्षेत्र में अधिक फोकस कर सकेंगे। फिलहाल 9000 मरीजों की जियो टैगिंग की जा चुकी है।
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