शामली, 13 जुलाई 2021। संचारी रोग अभियान के तहत जनपद में दस्तक अभियान भी शुरू हो चुका है। यह अभियान 25 जुलाई तक चलेगा। अभियान के तहत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को रोगों से बचाव के प्रति जागरूक कर रही हैं। इसके साथ ही लक्षण के आधार पर कोविड, बुखार और टीबी (क्षय रोग) के मरीजों का ढूंढने का काम किया जा रहा है, ताकि समय रहते उनका उपचार शुरू कराया जा सके।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अशोक कुमार हांडा ने बताया दस्तक अभियान के तहत आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को संचारी रोगों के साथ-साथ टीबी के मरीजों की खोज कर रही हैं। उन्होंने बताया संभावित टीबी रोगियों की खोज करने के लिए वह पता करेंगी कि किसी को दो सप्ताह से अधिक खाँसी या बुखार तो नहीं है। इसके अलावा लगातार वजन घटने और भूख न लगने की शिकायत तो नहीं है। रात में सोते समय पसीना तो नहीं आता है। यदि किसी को इनमें से कोई लक्षण है तो यह टीबी हो सकती है। ऐसे लोगों का स्पुटम (बलगम) लेकर जांच कराई जाएगी। टीबी की पुष्टि होने पर तत्काल बीमारी का निशुल्क उपचार शुरू कराया जाएगा।
डा. अशोक ने बताया अभी जिले में करीब 2400 टीबी के मरीज हैं। इसके साथ ही दस्तक अभियान के तहत जो मरीज सामने आएंगे विभाग की तरफ से उनका इलाज किया जाएगा। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता को टीबी रोगी खोजने पर 500 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिये जाएंगे। यह राशि जांच के बाद रोग की पुष्टि होने पर मिलेंगे। इसके अलावा टीबी की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को भारत सरकार द्वारा छह माह तक चलने वाले इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए प्रति माह का भुगतान किया जाता है। सरकार यह राशि मरीज के बेहतर पोषण के लिए प्रदान करती है। दरअसल टीबी होने पर व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है। ऐसे में बेहतर पोषण जरूरी है। पोषण न मिल पाने पर वह अन्य बीमारियों की चपेट में भी आ सकता है।
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