Meerut 
भूजल सप्ताह के दूसरे दिन "जल संरक्षण है एक संकल्प, नहीं है इसका कोई विकल्प". विषय पर भूजल विभाग तथा मेरा शहर मेरी पहल के संयुक्त तत्वाधान में बी एन जी स्कूल के छात्रों के साथ एक वेबीनार का आयोजन किया गया।

इस सेमिनार के मुख्य अतिथि अनिल वर्मा अधिशासी अभियंता बिजली विभाग से रहे। श्री अनिल वर्मा ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण तथा औधोगिकीकरण के कारण प्रति व्यक्ति के लिये उपलब्ध पेयजल की मात्रा लगातार कम हो रही है जिससे उपलब्ध जल संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। जहाँ एक ओर पानी की मांग लगातार बढ़ रही है वहीँ दूसरी ओर प्रदूषण और मिलावट के कारण उपयोग किये जाने वाले जल संसाधनों की गुणवत्ता तेजी से घट रही है।साथ ही भूमिगत जल का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है ऐसी स्तिथि में पानी की कमी की पूर्ति करने के लिये आज जल संरक्षण की नितान्त आवश्यकता है।

मेरा शहर मेरी पहल के कोऑर्डिनेटर अंकुश चौधरी ने विस्तार से बतलाया कि घरेलू जल सरंक्षण किस तरह किया जा सकता है। दाढ़ी बनाते समय, ब्रश करते समय, सिंक में बर्तन धोते समय, नल तभी खोलें जब सचमुच पानी की ज़रूरत हो।गाड़ी धोते समय पाइप की बजाय बाल्टी व मग का प्रयोग करें, इससे काफी पानी बचता है।नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें,काफी पानी की बचत होगी। इस काम के लिए आप भारत रत्न सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा ले सकते हैं जो सिर्फ १ बाल्टी पानी से ही नहाते हैं।

बी डी सिंह भूजल विशेषज्ञ ने घर के बाहर जल संरक्षण पर ज़ोर दिया और समझाया कि सार्वजनिक पार्क, गली, मौहल्ले, अस्पताल, स्कूलों आदि में जहाँ कहीं भी नल की टोंटियाँ खराब हों या पाइप से पानी लीक हो रहा हो तो तुरन्त जलदाय ऑफिस में या सम्बन्धित व्यक्ति को सूचना दें, इसमें हजारों लीटर पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है।

कार्यक्रम को सफल बनाने में, मेरा शहर मेरी पहल से कार्यक्रम संयोजक अंकुश चौधरी, अनिल वर्मा अधिशासी अभियंता ,मेरा शहर मेरी पहल के कोषाध्यक्ष श्री एस के शर्मा जी, ऋचा सिंह,विपुल सिंघल,,बी एन जी विद्यालय की ओर से प्रधानाचार्या श्री संजीव अग्रवाल मौजूद रहे।



Meerut -भूजल सप्ताह के दूसरे दिन "जल संरक्षण है एक संकल्प, नहीं है इसका कोई विकल्प". विषय पर भूजल विभाग तथा मेरा शहर मेरी पहल के संयुक्त तत्वाधान में बी एन जी स्कूल के छात्रों के साथ एक वेबीनार का आयोजन किया गया।
इस सेमिनार के मुख्य अतिथि श्री अनिल वर्मा अधिशासी अभियंता बिजली विभाग से रहे। श्री अनिल वर्मा जी ने बच्चों को पानी के महत्व के बारे में बतलाया। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण तथा औधोगिकीकरण के कारण प्रति व्यक्ति के लिये उपलब्ध पेयजल की मात्रा लगातार कम हो रही है जिससे उपलब्ध जल संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। जहाँ एक ओर पानी की मांग लगातार बढ़ रही है वहीँ दूसरी ओर प्रदूषण और मिलावट के कारण उपयोग किये जाने वाले जल संसाधनों की गुणवत्ता तेजी से घट रही है।
साथ ही भूमिगत जल का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है ऐसी स्तिथि में पानी की कमी की पूर्ति करने के लिये आज जल संरक्षण की नितान्त आवश्यकता है।
मेरा शहर मेरी पहल के कोऑर्डिनेटर अंकुश चौधरी जी ने विस्तार से बतलाया कि घरेलू जल सरंक्षण किस तरह किया जा सकता है। दाढ़ी बनाते समय, ब्रश करते समय, सिंक में बर्तन धोते समय, नल तभी खोलें जब सचमुच पानी की ज़रूरत हो।
गाड़ी धोते समय पाइप की बजाय बाल्टी व मग का प्रयोग करें, इससे काफी पानी बचता है।
नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें,काफी पानी की बचत होगी। इस काम के लिए आप भारत रत्न सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा ले सकते हैं जो सिर्फ १ बाल्टी पानी से ही नहाते हैं।
वाशिंग मशीन में रोज-रोज थोड़े-थोड़े कपड़े धोने की बजाय कपडे इकट्ठे होने पर ही धोएं।
ज्यादा बहाव वाले फ्लश टैंक को कम बहाव वाले फ्लश टैंक में बदलें। सम्भव हो तो दो बटन वाले फ्लश का टैंक खरीदें। यह पेशाब के बाद थोड़ा पानी और शौच के बाद ज्यादा पानी का बहाव देता है।
श्री बी डी सिंह भूजल विशेषज्ञ ने घर के बाहर जल संरक्षण पर ज़ोर दिया और समझाया कि सार्वजनिक पार्क, गली, मौहल्ले, अस्पताल, स्कूलों आदि में जहाँ कहीं भी नल की टोंटियाँ खराब हों या पाइप से पानी लीक हो रहा हो तो तुरन्त जलदाय ऑफिस में या सम्बन्धित व्यक्ति को सूचना दें, इसमें हजारों लीटर पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है।
बाग़ बगीचों एवं घर के आस पास पौधों में पाइप से पानी देने के बजाय वाटर कैन द्वारा पानी देने से काफी पानी की बचत हो सकती है।
ऋचा सिंह ने बतलाया कि Wash-basin का फ्लो कम कर दें
वाश बेसिन के नीचे भी पानी कण्ट्रोल करने के लिए एक टोटी लगी होती है, अकसर वो पूरी खुली होती है, अगर आप उसे थोड़ा सा घुमा देंगे तो पानी का फ्लो अपने आप कुछ कम हो जाएगा और काफी पानी बर्वाद होने से बच पायेगा।
भूगर्भ जल विभाग से श्री आशीष जी ने RO Machine या AC से निकलने वाले  waste water को उपयोग करने को कहा। उन्होंने बतलाया कि
RO machine द्वारा लिए गए कुल पानी का 75% part waste हो जाता है। इसलिए कोशिश करिए कि मशीन की वेस्ट पाइप से जो पानी निकला रहा है उसे बाल्टी में इकठ्ठा कर लिया जाए या पाइप लम्बी करके उसे पौधों को सींचने के काम में लाया जाये। इसी तरह AC से निकलने वाले पानी को भी सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।

 विपुल सिंघल ने सभी बच्चों को भूजल शपथ ग्रहण कराई तथा मेरा शहर मेरी पहल के कोषाध्यक्ष एस के शर्मा जी ने सबका धन्यवाद किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में, मेरा शहर मेरी पहल से कार्यक्रम संयोजक अंकुश चौधरी,श्री अनिल वर्मा अधिशासी अभियंता ,मेरा शहर मेरी पहल के कोषाध्यक्ष श्री एस के शर्मा जी, ऋचा सिंह,विपुल सिंघल,
कार्यालय सीनियर जियोफीजिसिस्ट भूगर्भ जल विभाग खण्ड- मेरठ से श्री नौरतन कमल सहायक जियोफीजिसिस्ट, श्री आशीष कुमार गुप्ता,सहायक जियोफीजिसिस्ट ,बी एन जी विद्यालय की ओर से प्रधानाचार्या श्री संजीव अग्रवाल मौजूद रहे।
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