मेरठ। विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्याल की राष्ट्रीय सेवा योजना समिति द्वारा सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज के निःशुल्क विधिक सहायता केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में निःशुल्क विधिक सेवा कैम्प का आयोजन ग्राम सतवाई, जिला मेरठ में किया गया।  
शिविर का उद्घाटन ग्राम सतवाई के पूर्व प्रधान श्री सतबीर सिंह जी के गृह प्रांगण में मुख्य अतिथि विधानसभा क्षेत्र सिवालखास मेरठ के भाजपा विधायक श्री जितेन्द्र पाल सिंह ने किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सुभारती लॉ कॉलिज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.मनोज कुमार त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि श्री जितेन्द्र पाल सिंह का स्वागत किया।
मुख्य अतिथि श्री जितेन्द्र पाल सिंह ने सुभारती विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना एवं सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज के निःशुल्क विधिक सहायता केन्द्र द्वारा समाज उत्थान में किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यो की सरहाना की। उन्होंने कहा कि विधिक जागरूकता प्राप्त करना हर नागरिक का अधिकार है और न्याय को सर्वसुलभ बनाकर जिस प्रकार जनमानस को सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा लाभान्वित किया जा रहा है यह बड़ा सराहनीय कार्य है। उन्होंने विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना एवं सुभारती लॉ कॉलिज को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया गया कि राष्ट्रीय सेवा योजना एवं सुभारती लॉ कॉलिज द्वारा जब भी क्षेत्र में इस प्रकार का विधिक सेवा कैम्प लगाया जाएगा इसके लिये वह अपने स्तर से पूरा सहयोग करेंगे।
पत्रकारिता संकाय के प्राचार्य एवं सुभारती एन.एस.एस के समन्वयक डा. नीरज कर्ण सिंह द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना की आवश्यकता एवं इसके महत्व से उपस्थित जन समुदाय को अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्राम वासियों को विभिन्न प्रकार की राष्ट्रीय योजनाओं के साथ-साथ उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता की भावना से देशहित में कार्य कर रहा है और राष्ट्रीय सेवा योजना समिति द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की जनता को जागरूक करके उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा हैं।
डा. मनोज कुमार त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में कहा कि समाज के असहाय वर्ग को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करना सुभारती लॉ कॉलिज का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि निःशुल्क विधिक सहायता भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39-। द्वारा समाज के असहाय, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए अनिवार्य रूप से प्रावधानित है।
डॉ.आशुतोष गर्ग एसोसिएट प्रोफेसर सुभारती लॉ कॉलिज ने लोगों को संविधान में प्रदत्र विभिन्न मौलिक अधिकारों जैसे कि समानता, न्याय, व्यापार वाणिज्य की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आजादी आदि के विषय में बताया।
मिस शालिनी गोयल द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता क्या है, किसके लिए है और कैसे प्राप्त की जा सकती है विषय पर लोगों को जानकारी दी। निःशुल्क विधिक सहायता के लिए ऐसे सभी व्यक्ति पात्र हैं, जिनकी वार्षिक आय रू.1,00,000-/ से कम है, या अनुसूचित जाति या जनजाति के सदस्य, बालश्रम के लिए, यौन-अपराधों के लिए पीड़ित व्यक्ति स्वामी विवेकान्द सुभारती विश्वविद्यालय के सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज में स्थित निःशुल्क विधिक सहायता केन्द्र से प्रतिदिन अर्थात सोमवार से शनिवार प्रातः 08ः00 बजे से सायं 04ः00 बजे तक ले सकते है।
कार्यक्रम में ग्रामीणों के साथ मीडिया प्रभारी अनम शेरवानी, डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. पल्लवी, राहुल सिरोही आदि उपस्थित रहें।


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