सुनवाई को तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट

- अगले हफ्ते चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी सुनवाई
- वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने दाखिल की है याचिका


नई दिल्ली (एजेंसी)।पेगासस जासूसी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। संसद से लेकर सड़क तक सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर है। वहीं अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। पेगासस कांड पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। शीर्ष कोर्ट वरिष्ठ पत्रकार एन. राम की निष्पक्ष जांच कराने वाली याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है। अगले हफ्ते मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस पर सुनवाई होगी।
वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की याचिका वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने रखी और कोर्ट से आग्रह किया कि कथित जासूसी के व्यापक असर को देखते हुए इसपर सुनवाई की जरूरत है, जिसपर प्रधान न्यायाधीश ने सहमति जताते हुए अगले हफ्ते सुनवाई करने की बात कही।  
वरिष्ठ पत्रकारों की याचिका में कहा गया कि कथित जासूसी भारत में विरोध की स्वतंत्र अभिव्यक्ति को दबाने और हतोत्साहित करने के एजेंसियों एवं संगठनों के प्रयास की बानगी है।
गौरतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 300 से अधिक लोगों के फोन नंबरों को इजराइल के पेगासस स्पाइवेयर से टैप कराया गया है। इसमें विपक्षी दलों के नेता, पत्रकार, जज समेत कुछ कारोबारी भी शामिल हैं।



 संसद में विपक्षियों का जमकर हंगामा
शुक्रवार को भी विपक्षी नेता पेगासस, कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों पर संसद में विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शनों के बीच सोमवार यानी 2 अगस्त को सुबह 11 बजे तक के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।
सत्र शुरू होते ही पेगासस जासूसी विवाद, कृषि कानून और ईंधन के दामों में वृद्धि को लेकर विपक्षी सांसद विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। इसी के चलते सोमवार यानी 2 अगस्त सुबह 11 बजे तक के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने संसद के बाहर धरना दिया और केंद्र से तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का आग्रह किया है। संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहीं एसएडी नेता हरसिमरत कौर ने कहा कि हम कल राष्ट्रपति से मिलेंगे। वहीं, कांग्रेस सांसद जेएस गिल ने कहा कि हम यहां किसानों के समर्थन में खड़े हैं।
पेगासस, कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा को भारी हंगामे के बीच दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।  इससे पहले दिन में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कुछ विपक्षी सदस्यों के अभद्र व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त की थी। ओम बिरला ने सदन में हंगामा करने वाले सांसदों को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो मुझे सदन की मर्यादा बनाए रखने के लिए उन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।




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