ज्योतिष उत्थान व पर्यावरण सुरक्षा का लिया संकल्प

- सम्मेलन में तमाम जिलों से शामिल हुए ज्योतिषविद

न्यूज प्रहरी संवाद

जालंधर। अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष मंच (रजि) की ओर से आयोजित 66वें अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन का शुभारंभ  देवभूमि हिमाचल के होटल धौलाधार सभागार, कोतवाली बाजार, धर्मशाला में गणेश वंदना व सर्व ईष्ट वंदना से हुआ। गुरुपूर्णिमा को समर्पित इस प्रथम सत्र के दौरान ज्योतिष उत्थान कार्यों, पर्यावरण सुरक्षा व कोरोना उन्मूलन अभियान में सक्रिय रहने का प्रण लिया गया।



पवित्र ज्योति प्रज्वलन के अवसर पर मंच के संस्थापक अध्यक्ष व संचालक पं. राजीव शर्मा,  लाल किताब विशेषज्ञ जीड़ी वशिष्ठ, अजय भाम्बी, आरके भारद्वाज, संरक्षक विक्रांत शर्मा, पंडित ओम प्रकाश शास्त्री, प्रीतम भारद्वाज, आचार्या विजया व अन्य गणमान्य  उपस्थित रहे।
कोरोना प्रोटोकाल के मद्देनजर इस बार सम्मेलन में पब्लिक को प्रवेश नहीं मिलेगा। विभिन्न प्रदेशों से आमंत्रित ज्योतिषाचार्य, ज्योतिष जिज्ञासु, रंग, कर्मकांडी, रत्न, वास्तु, लाल किताब विशेषज्ञ, बुद्धिजीवी, लेखकों के आने का सिलसिला आज दिन भर जारी रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत पण्डित भोला नाथ द्विवेदी के मार्गदर्शन में पं. गौतम द्विवेदी,  पं. अवधेश पाठक, पं. धर्मेन्द्र दुबे, पं. नरिंदर वशिष्ठ ने पवित्र मंत्रोच्चारण द्वारा सामूहिक इष्ट वंदना से की गई।
मंच की युवा शाखा (हिमाचल प्रदेश) के अध्यक्ष पंडित विपन शर्मा व संरक्षक विक्रान्त शर्मा ने बताया कि इस बार लाइफ टाइम अचिवमेंट अवार्ड पंडित आरके भारद्वाज, डॉ. भारत भूषण भारद्वाज, लाल किताब विशेषज्ञ पंडित ओम प्रकाश शास्त्री को दिया जाएगा।
पंडित राजीव शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि इस सम्मेलन में हमारा प्रयास भारतीय संस्कृति की अनुपम देन ज्योतिष की सार्थक, जनहितैषी, तर्कसंगत विवेचना का आदान प्रदान करने का रहा है,जोकि निरंतर 27 वर्षो से निर्बाध गति से आप सबके सहयोग से प्रगति पथ पर है।
प्रथम दिन के मंच का संचालन गगन पाठक ने किया। इस दौरान पंडित सुभेष शरमन, बृज मोहन कपूर, रश्मी गुप्ता, दीपक धवन, सुरिन्द्र कपूर, राकेश डाग्गर, नरेश मित्तल, गीतांजलि (चंडीगढ़), सिम्मी शर्मा (नाभा), आशुतोष शर्मा (जालन्धर), डॉली शर्मा, मीनू शर्मा ने सम्मेलन संयोजन में सक्रिय योगदान दिया।
कल 24 जुलाई को 2 सत्र होंगे। इस दौरान प्रतिभागी द्वारा आगामी वर्ष 2022 मे भारत की राजनीतिक, आर्थिक स्थिति, ज्योतिष की दृष्टि से कोरोना का समाप्ति काल व ज्योतिषीय उपयो का जनमानस पर प्रभाव विषयो पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।

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