मेरठ। कोरोना के मद्देनजर मेरठ से जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 15 सैंपलों की रिपोर्ट दिल्ली की लैब से मिल गई है, इनमें से 13 सैंपलों में डेल्टा वैरिएंट मिला है। 
कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट ने कोहराम मचाया था। इसके बाद अब डेल्टा प्लस वैरिएंट के भी उत्तर प्रदेश के दो जिलों में मरीज मिले थे, जिसके बाद अलर्ट किया गया है कि कहीं यह वैरिएंट भी तो पैर नहीं पसार रहा है। इस बारे में जानकारी करने के लिए कोरोना के मरीजों के सैंपल मेडिकल की माइक्रोबायोलॉजी लैब से जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली की लैब में भेजे जाते हैं। मेरठ से 150 से ज्यादा सैंपल भेजे जा चुके हैं, जिनमें अभी तक 15 सैंपलों की रिपोर्ट आई है। 
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि जून माह में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजे गए थे। किसी में नए वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। आगे भी जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजे जाते रहेंगे। इन दिनों कोरोना की तीसरी लहर को लेकर खतरा बना हुआ है।
जिले में  37 स्थानों पर 8503 लोगों ने कोरोना से बचाव का टीका लगवाया। टीकाकरण के लिए लोगों की कतार लगी रही। मेरठ में अब तक 879515 लोगों को पहली डोज लग चुकी है, जबकि 187860 लोग ऐसे हैं, जो दोनों डोज लगवा चुके हैं।
शनिवार को क्लस्टर टीकाकरण नहीं हुआ। अब उम्र की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अब प्रस्तावित केंद्रों पर 18 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति टीकाकरण करा सकता है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉक्टर प्रवीण गौतम ने बताया कि प्रथम डोज पूरी तरह से 100 प्रतिशत ऑनलाइन की गई है।  
पिछले 24 घंटे में कोरोना के  पांच मरीज मिले। वहीं पांच मरीजों की छुट्टी हुई है। सक्रिय केस 66  हैं। इनमें से 22 अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि 14 होम आइसोलेशन में हैं। बाकी लापता हैं। 5823 सैम्पलों की जांच हुई। अब तक 65941 लोगों को कोरोना की पुष्टि हो चुकी है।
अब तक 65037 की छुट्टी हो चुकी है।  वहीं, ब्लैक फंगस का एक मरीज मिला है। कुल 335 मरीज मिल चुके हैं। चार की छुट्टी हुई। इस तरह 302 की छुट्टी हो चुकी है। छह एक्टिव केस हैं। 27 की मौत हो चुकी हैं।

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