वाराणसी ।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा न कराने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णय का स्वागत किया है।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ यूपी के उच्च शिक्षा संवर्ग के प्रभारी डा. जगदीश सिंह दीक्षित ने कहा कि महासंघ सभी राज्य सरकारों  से अपील करता है कि अपने-अपने यहां भी इसी तरह का निर्णय लेने पर विचार करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए भी व्यापक हित में निर्णय लेने की जरूरत है । जिन कक्षाओं की या जिन सेमेस्टर की परीक्षाएं नहीं होनी है। छात्र हित में सभी विश्वविद्यालयों/स्वायत्तशासी महाविद्यालयों को यह विचार करना चाहिए कि उनके परीक्षा शुल्क वापस किए जाएं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो बीएड प्रवेश परीक्षा होनी है उसे भी रद्द कर दिया जाय और नियमों में संसोधन करके मेरिट लिस्ट बनाकर उन्हें आनलाईन काउंसिलिंगके पश्चात उन्हें प्रवेश दिया जाय। जो भी छात्र बारहवीं की परीक्षा पास किए जायेंगे उनका अगली कक्षा में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए भी विचार व्यापक हित में किया जाना चाहिए।
महासंघ यह भी माँग करता है कि जो भी शिक्षक जो अंशकालिक रूप से कक्षाएं ले रहे थे उनके भी वेतन भुगतान पर शिक्षण-प्रशिक्षणसंस्थानों एवं सरकार को निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि सबसे अधिक आर्थिक कठिनाई स्ववित्त पोषित योजना एवं अंशकालिक शिक्षक के रूप में कार्यरत शिक्षकों को झेलना पड़ रहा है।


No comments:

Post a Comment

Popular Posts