सीरो सर्वे में हुआ खुलासा
मेरठ, 7 जून 2021। ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों पर कोरोना संकमण का असर काफी कम देखने को मिला है। इसका खुलासा सीरो पॉजिटिव सर्वे के आधार पर तैयार रिपोर्ट में हुआ है। सर्वे में पाया गया कि इस ग्रुप के लोगों को संक्रमण तो हुआ लेकिन उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। खाली उन्हीं लोंगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी थी।

मेरठ मेडिकल कालेज के नोडल अधिकारी रहे केजीएमयू लखनऊ के वरिष्ठ चिकित्सक डा. वेद प्रकाश के मुताबिक कोरोना संक्रमण का प्रभाव कुछ खास ब्लड ग्रुप वाले लोगों पर कम होता है तो कुछ ब्लड ग्रुप के लोगों पर गंभीर। उन्होंने बताया तमाम शोध पत्रों से ज्ञात हुआ है कि एबी और बी ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों को कोरोना संक्रमण से अधिक सचेत रहने की जरूरत है। इस ब्लड ग्रुप के लोगों में कोरोना का संक्रमण काफी गंभीर हो जाता है, जबकि ओ ब्लड़ ग्रुप के लोगों पर वायरस बहुत ही हल्का असर डालता है। ओ ब्लड ग्रुप के लोगों को अगर कोरोना संक्रमित भी करता है तो वह होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जाते हैं।
एबी और बी ग्रुप के लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत
काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च सीएसआइआर ने एक रिसर्च पेपर जारी किया है। इस रिसर्च के मुताबिक एबी और बी ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोना से से ज्यादा संभलकर रहने की जरूरत है। ओ ब्लड ग्रुप के लोगों पर इस बीमारी का सबसे कम असर हुआ है। इस ब्लड ग्रुप के ज्यादातर मरीज या तो एसिम्प्टोमैटिक हैं या फिर उनमें बेहद हल्के लक्षण देखे गए हैं।
10 हजार लोगों के डाटा से तैयार की गयी रिपोर्ट
सीरो पॉजिटिव सर्वे के डाटा के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें 10 हजार लोगों का डाटा है।140 चिकित्सकों की टीम ने विश्लेषण किया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शाकाहारी लोगों की तुलना में मांसाहारियों को कोरोना वायरस संक्रमण होने की आशंका ज्यादा है। डा. वेद प्रकाश के मुताबिक सब कुछ किसी व्यक्ति के जेनेटिक स्ट्रक्चर पर निर्भर करता है।
ओ ब्लड ग्रुप वालों को इम्यून सिस्टम ज्यादा मजबूत
संभव है कि ओ ब्लड ग्रुप वालों का इम्यून सिस्टम इस वायरस के खिलाफ व एबी और बी ग्रुप वालों से ज्यादा मजबूत हो। डा. वेद कहते हैं कि इस रिसर्च के मायने यह नहीं हैं कि ओ ब्लड ग्रुप वालों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन छोड़ देना चाहिए। वह पूरी तरह इस वायरस से इम्यून नहीं हैं और उन्हें भी दिक्कत हो सकती है। यह केवल सैंपल सर्वे है।
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