आलमी सतह पर 132 घंटे चलने वाले आनलाइन मुशायरा-कवि सम्मेलन का शुभारंभ


मेरठ। इंडिया फाइट्स अगेंस्ट कोविड-19 की भावना से ओतप्रोत द पाॅयट्री वल्र्ड के तत्वावधान में 12 जून तक 132 घंटे चलने वाले आलमी मुशायरा-कवि सम्मेलन हयात का खूबसूरत आगाज हो गया।
     दुबई में आयोजित होने वाले अदबी प्रोग्राम में अहम किरदार निभाने वाले मशहूर शायर फरहान वारसी, यूएसए में अदबी रहनुमा खाजा खतीब, ताहिर फराज, शहपर रसूल ने उद्घाटन सत्र में हिन्दुस्तान और दुनिया भर में आई महामारी से निजात के लिए बारगाहे-खुदावंदी में दुआ की। संयोजक तारीफ नियाजी और एंकर सपना मूलचंदानी ने अतिथियों से प्रोग्राम के बारे टिप्स लीं। इसके उपरांत 11 बजे से मुखतलिफ आवाज नाम से आयोजित डा. अमजद अजीम की निजामत में अदबी महफिल का पहला सेशन शुरू हुआ। फरीद नोमानी की याद में आयोजित इस सेशन में अमजद दानिश, इमरान बिन रियासत, अदनान बिन जिया, आसिफ निगार, हैदर अम्मान, काशिफ माकनपुरी, अख्तर कानपुरी, इस्मत जैदी शिफा, आजम खान, शादाब उल्फत, आजम जैदी जयपुरी, सादिक अलापुरी, समर बदायूंनी, रवि केडिया आदि ने अपने उम्दा कलाम से शानदार आगाज किया। मोर देन द पाॅयट्री शीर्षक से मोईन शादाब की निजामत में चला दूसरा सत्र उस्ताद शायर मुजफ्फर हनफी को समर्पित किया गया। जिसमें अजहर इनायती की सदारत में जाने-माने उस्ताद शायर मंगल नसीम, शहपर रसूल, फरहत एहसास, अलीना इतरत, डा. अदनान खालिद, परवेज मुजफ्फर हनफी, रहमान फारिस, अम्मार इकबाल, चिराग शर्मा आदि ने कलाम पेश किया। इस सत्र का मुख्य आकर्षण एक्ट्रेस दीप्ति मिश्रा की शिरकत रही। उन्होंने अपने कलाम से महफिल में समां बांध दिया। बताते चलें कि दीप्ति मिश्रा मशहूर शायरा भी हैं, जिनकी गजलें गुलाम अली ने भी गाई हैं। इसके उपरांत शाम के समय वाह क्या बात है शीर्षक से तीसरे सत्र का आगाज हुआ। अंजुम उस्मानी को समर्पित इस सत्र की निजामत फानी जोधपुरी ने की। जिसमें मकीं सिद्दीकी, अहमद अली बर्की, सुहैल उमर भोपाली, जावेद आबेदी, वसीम जहांगीराबादी, अभिषेक तिवारी, समीना गुल, जहूर जहीराबादी, वारिस जमाल, जिया फारूकी, ओरीना अदा, दानिश अलबेला, सलीम जावेद, उफक फरीदी, सदफ बर्नी ने कलाम पेश किया। रात्रि में स्टार सेशन पेश किया जाएगा।
 इस आयोजन को बॉलीवुड के मशहूर और मारुफ क्रिएटिव डायरेक्टर आरिफ अहमद, उनकी ब्रांडिंग और एसोसिएशन ने एक नया रंग दे दिया है। पीडब्ल्यू टीवी और पाएटिक आत्मा इस आयोजन लाइव टेलिकास्ट पार्टनर की भूमिका निभा रहे हैं।
कुछ अशआर मुलाहिजा फरमाएं
वह नहीं मेरा मगर उससे मोहब्बत है तो है।
यह अगर रस्मों रिवाजों से बगावत है तो है।।
                     -एक्ट्रेस दीप्ति मिश्रा
दस्तक ए मौत बुलाती है कि आगोश में  आ
जिंदगी कहती है कुछ काम अभी बाकी हैं।।
                     -इस्मत जैदी शिफा
बात कर ऐ खूबसूरत शख्स कोई बात कर
और साबित कर तुझे कोई परेशानी नहीं।
                    अब्बास ताबिश
दुनिया के रंगीन मनाजिर क्या देखें
हम तेरी तस्वीर में उलझे रहते हैं।।
            -काशिफ मानिकपुरी
बड़े बनकर रहो सबसे बड़ा होने की मत सोचो।
कि तुम इंसां हो इक इंसां खुदा होने की मत सोचो।।
                        -अहमद दानिश
रात भर जिस खुद से लड़ते-लड़ते थक जाता हूं मैं।
दिन निकलते ही उसी खुद में दुबक जाता हूं मैं।।
बारहा लगता हैं ज्यूं आवाज देता है कोई 
राह में चलते हुए अक्सर ठिठक जाता हूं मैं।।
                 -मंगल नसीम

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