अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। नक्सली मोर्चे पर यह बहुत बड़ी कामयाबी है। उन्होंने कहा कि कैडर 2015 से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाने, सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचाने सहित दंतेवाड़ा और पड़ोसी सुकमा जिलों के अंदरूनी इलाकों में माओवादी पोस्टर और बैनर लगाने में कथित रूप से शामिल थे।
दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि सोमवार को पुलिस के पहुंचने से पहले तीनों ने सरेंडर कर किया। सभी नक्सलियों ने पुलिस के पुनर्वास अभियान 'लोन वरातु' से प्रभावित होकर सरेंडर किया। वह सभी खोखली माओवादी विचारधारा से निराश हो गए हैं। उन्होंने बताया कि तीनों नक्सलियों में से आयता कोहरामी नाम की महिला एक मीलिटा कमांडर के रूप में सक्रिय थी, जिसके सिर पर 1 लाख रुपये का इनाम था। जबकि दो अन्य कैडरों की पहचान उईका सोमदू (23) और करतम महेंद्र (22) के रूप में की गई है।



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