घर के आस-पास साफ-सफाई रखें, कहीं भी पानी न भरने दें : डीएमओ 


बुलंदशहर। शासन के निर्देश पर जून माह को मलेरिया माह के रूप में मनाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया बरसात का मौसम मच्छरों के पनपने के लिए काफी अनुकूल होता है, ऐसे में मलेरिया, डेंगू सहित कई तरह की मच्छर जनित बीमारी फैलने की आशंका रहती है। इसलिए अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत है। उन्होंने कहा कोविड-19 के चलते इस बार वैसे भी अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत है। साफ-सफाई न केवल मलेरिया से बचाएगी बल्कि फंगस के मामलों को भी काबू पाने में भी मददगार साबित होगी। मलेरिया विभाग ने साफ-सफाई और एंटी लार्वा छिड़काव की तैयारी पूरी कर ली है। “हर रविवार, मच्छर पर वार” कार्यक्रम के तहत रविवार को विशेष अभियान चलाया जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) बीके श्रीवास्तव ने बताया मच्छरों को पनपने से रोकने और मच्छरों से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए जून माह को मलेरिया माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस माह के दौरान विभाग की टीम घर-घर जाकर और नाले-नालियों की साफ-सफाई के लिए जागरूकता अभियान के साथ ही एंटी लार्वा छिड़काव कर रही हैं। टीम आमजन को बताएंगी, रुके हुए पानी पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है ताकि उसमें मच्छर न पनपें और मच्छर जनित बीमारियों से बचाव हो सके। जैसे घर की छत या बालकनी में पड़े पुराने सामानों, टायरों और कूलर आदि में कई दिन तक पानी भरा रहता है तो ऐसे पानी में मच्छर पैदा हो जाते हैं और मच्छर संक्रामक बीमारियों का कारण बनते हैं। इसलिए कूलर की नियमित सफाई करें और घर के आसपास पानी भरा न रहने दें। विभाग की टीम पानी की टंकियों को ढककर रखने की अपील लोगों से करेंगी।  
उन्होंने बताया घर-घर जाकर लोगों की जांच की जाएगी। जहां पर बुखार के मरीज मिलने पर उनका नमूना लिया जाएगा। साथ ही व्यक्ति की एंटीजन से कोविड की जांच कराई जाएगी। व्यक्ति को कोविड या मलेरिया की पुष्टि होने पर उपचार शुरू किया जाएगा। 
डीएमओ ने बताया जन समुदाय को जागरूक करने के साथ ही विभाग की ओर से “हर रविवार मच्छर पर वार कार्यक्रम” का क्रियान्वयन भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत हर रविवार सफाई के लिए आधा घंटे का समय देने का आह्वान किया जाएगा। उन्होंने बताया बारिश शुरू होते ही मच्छरों का पनपना भी शुरू हो जाता है। यह मच्छर ठहरे हुए पानी में अंडे देते हैं। अंडे से लार्वा निकलता है और उससे मच्छर बनते हैं, जो इंसानों में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारी फैलाते हैं। ग्राम्य स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति से मलेरिया रोग के बचाव एवं उपचार तथा गंभीर रोगियों को संदर्भित करने में सहायता ली जाएगी।

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