मेरठ। पहाड़ों पर बारिश होने के बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में गंगा का जल स्तर अत्यधिक बढ़ने लगा है। लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं। रविवार को तटबंध टूटने के कारण कई गांव प्रभावित हो गए। लोगों में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और अधिनस्थ अधिकारियों को पल-पल की जानकारी करने तथा स्थिति को कंट्रोल कराने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन द्वारा छह बाढ़ चौकी बनाई गई हैं। सभी चौकियों पर 24 घंटे लेखपालों की ड्यूटी लगाई गई है।
तहसील क्षेत्र में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। तहसील प्रशासन नजर रखे हुए है। एसडीएम कमलेश गोयल ने गंगा के दूसरी और बने रतौली डीह और तहसीलदार अजय उपाध्याय ने खादर में पहुंचकर बाढ़ क्षेत्रों का जायजा लिया। एसडीएम ने बताया कि अभी तक कहीं पर नुकसान जैसी कोई बात नहीं है। रविवार को तटबंध टूटने के बाद सभी को अलर्ट कर दिया है। तहसील क्षेत्र में छह स्थान तारापुर, लतीफपुर, दूधली खादर, किशोरपुर, लीमका और आसिफाबाद में बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं जिन पर तैनाती करने के साथ ही तिरपाल और टार्च जैसी आवश्यक सामग्री भी मुहैया करा दी गई है। लेखपालों को क्षेत्र में लगाया गया है। तहसील मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है जिसका नंबर भी जारी किया गया है। रविवार को एडीएम ने भी तहसील टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंकर व्यवस्थाओं को देखा और छह चौकियों पर तैनात किए गए 24 लेखपालों की सूची देखते के बाद पलपल की जानकारी बाढ़ कंट्रोल रूम को देने की बात कही।
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