सालो से बंद पडे प्लांट को भी सेना ने कर दिया ठीक


मेरठ। कोरोना संकट में सेना देशवासियों को सेवाएं देने में अग्रणी भूमिका निभा रही है। आक्सीजन संकट को देखते हुए विभिन्न जगहों पर सालों से बंद पड़े आक्सीजन प्लांट ठीक करने के बाद अब सेना मेरठ के अस्पतालों की एंबुलेंस से लेकर अन्य जरूरी मेडिकल उपकरणों को दुरुस्त कर रही है। चार्जिग रैम डिवीजन के अंतर्गत सेना की 622 ईएमई बटालियन अस्पतालों को तकनीकी मदद मुहैया करा रही है। बटालियन की तकनीकी टीमें अस्पतालों में जाकर या उनके उपकरण अपने वर्कशाप में लाकर उन्हें ठीक कर रहे हैं। छह टीमें बनी हैं जिनमें तीन मेरठ, दो दिल्ली और एक कपूरथला में सिविलियन सेवाओं को मजबूत करने में मदद कर रही हैं।
 खराब है उसे कर रहे ठीक
सेना की टीम ने मदद मुहैया कराने के लिए सीएमओए, एसीएमओ, लोकप्रिय अस्पताल, प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल, एलएलआरएम मेडिकल कालेज आदि पर जिम्मेदारों से मुलाकात कर तकनीकी सेवाओं की जानकारी दी। इस मुहिम में अब तक सेना की टीमें आठ एंबुलेंस की सर्विसिंग व मरम्मत, 17 मेडिकल उपकरणों की मरम्मत और दो जनरेटर की सर्विस कर चुकी हैं।
ये टीमें कर रहीं मदद
622 ईएमई बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल एई मोजेज के अनुसार सिविल प्रशासन को मदद पहुंचाने के लिए चार्जिंग रैम डिवीजन के जनरल आफिसर कमांडिग के निर्देश पर ईएमई बटालियन की छह वर्कशाप इस कार्य में जुटी हैं। हर वर्कशाप के लिए बनी टीम में तिकनीकी जवान शामिल हैं।
यहां कर सकते हैं संपर्क
सरकारी या निजी अस्पताल को सेना की तकनीकी मदद चाहिए तो ईएमई बटालियन से 8630908656 और 9596466266 नंबरों पर संपर्क करें।
इंफैंट्री डिवीजन बनी रैपिड स्ट्राइक डिवीजन
मेरठ छावनी में तैनात चार्जिग रैम डिवीजन यानी 22वीं इंफैंट्री डिवीजन अब 22वीं रैपिड एस डिवीजन बन गई है। इसमें पूरी आर्मर्ड ब्रिगेड को शामिल कर दिया गया है। इससे पहले इसमें एक आर्मर्ड बटालियन थी। डिव के देहरादून तक के क्षेत्र की जिम्मेदारियों में भी बदलाव कर दिए गए हैं।

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