प्रयागराज। साधु संतो की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी और उनके शिष्य योग गुरू आनंद गिरी के बीच पिछले कई दिनों से चल रहा संपत्ति विवाद का पटाक्षेप हो गया।

परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने आज यहां बताया कि आनंद गिरि ने उनके पैर पकड़कर मांगी माफी मांगते हुए सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में दिए गए बयान को वापस लिया ले लिया।
आनंद गिरी ने बताया कि परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी के साथ सभी प्रकार के पिछले विवदों को लेकर बुधवार को यहां बैठक हुई। बैठक में उन्होंने अपने गुरू पर लगाये सभी आरोपों को पैर पकड़कर मांगी माफी मांगते हुए सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में दिए गए बयान को वापस लिया ले लिया। उन्होंने कहा कि गुरू शिष्य परंपरा को बनाये रखने के लिए भवावेश में जो भी गलत बयान दिया उसको वापस लेता हूं, क्षमा मांग रहा हूं।
उन्होंने कहा कि साथ ही साथ अखाड़ा एवं पंच परमेश्वर से भी क्षमा प्रार्थी हूं। अत: अपने गुरू की कृपा में हमेशा बना रहूंगा।
महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा,“शिष्य आनंद गिरी द्वारा किये गये सभी कृत्यों की माफी मांग लेने पर संत हृदय एवं गुरू परंपरा “ क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को अपराध” के उच्च् मानदंडों के कारण माफ करता हूं।” उन्हे आगामी गुरू पूर्णिमा पर आश्रम में आकर गुरू की पूजा करने की इजाजत देता हूं।
महंत नरेंद्र गिरि ने श्री मठ बाघम्बरी गद्दी एवं बड़े हनुमान मंदिर में आनंद गिरी के आने पर लगाई पाबंदी हटाई और उनपर लगाए आरोपों को भी वापस लिया। मठ की तरफ से जारी एक विडियो आंनंद गिरी को अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी से पैर पकड़कर अपनी गलत बयानी पर माफी मांगते दिखाया गया है।
गौरतलब है कि 14 मई को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से स्वामी आनंद गिरी पर परिवार से संबंध रखने पर निष्कासित होने और मठ और मंदिर के धन के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई हुई थी, जिसके बाद गुरु शिष्य के बीच बढ़ गया था। विवाद इस कदर बढ़ गया था कि आनंद गिरी सोशल मीडिया पर लगातार अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के खिलाफ बयान दे रहे थे।

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