दुबई।दो बार की युवा विश्व चैंपियन साक्षी (54) ने छह बार की विश्व चैम्पियन भारत की एमसी मैरीकोम (51 किग्रा)के साथ दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली थी लेकिन उनकी विपक्षी टॉप सीड कजाखस्तान की दीना झोलमन के आग्रह पर जूरी ने मुकाबले के आखिरी राउंड की समीक्षा की और परिणाम को बदलते हुए कजाक मुक्केबाज को 3-2 से विजेता घोषित किया।
इस बदलाव से साक्षी को अब कांस्य पदक से संतोष करना पड़ेगा। साक्षी ने इससे पहले झोलमन को 3-2 से हराया था लेकिन आखिरी परिणाम झोलमन के पक्ष में 3-2 से गया और वह फाइनल में पहुंच गयी। गुरूवार को भारत की 10 महिला मुक्केबाज सेमीफाइनल खेलने उतरीं जिनमें से चार मैरी ( 51 किग्रा),लालबुतसाई (64 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा) और अनुपमा (+81 किग्रा) ने अपने अपने वजन वर्ग के फाइनल में जगह बना ली जबकि जबकि मोनिका (48 किग्रा), जैस्मिन (57) ,सिमरनजीत (60), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) और स्वीटी (81 किग्रा)को अपने सेमीफाइनल मुकाबलों में गुरूवार को हार का सामना करना पड़ा।
मैरी ने मंगोलिया की लुटसैखान अल्टानसेतसेग को 4-1 से हराया।लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकीं मैरीकोम अब अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है। मैरीकोम का एशियाई चैम्पियनशिप में यह सातवां पदक है। 2008 में गुवाहाटी में रजत पदक जीतने के अलावा मैरी कोम ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 में इस इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया है।फाइनल में मैरी कोम का सामना कजाकिस्तान की नज्म जैबे से होगा। जैबे ने दूसरे सेमीफाइनल में श्रीलंका की नदीका पुष्पकुमारा अपने मुक्कों से पहले ही राउंड में धराशायी कर दिया।
लालबुतसाई (64 किग्रा) ने अपने क्वार्टरफाइनल में कुवैत की नौरा अलमुतेरी को अपने जबरदस्त प्रहारों से ऐसा पीटा कि रैफरी ने मुकाबले को दूसरे ही राउंड में रोक दिया। पूजा (75)को अपनी मंगोलियाई विपक्षी मुंखबात म्याग्मार्जारगल से वाकओवर मिल गया और वह फ़ाइनल में पहुंच गयी । अनुपमा (81+) ने उज्बेकिस्तान की मोखीरा अब्दुल्लेवा को 4-1 से हराया और फाइनल में जगह बनाने के साथ ही देश के लिए रजत पदक तय कर दिया।
इससे पहले, 48 किग्रा वर्ग में भारत की मोनिका को सेमीफाइनल में हार मिली। मोनिका को दूसरी सीड कजाकिस्तान की अलुआ बाल्कीबेकोवा ने 5-0 से हराया। मोनिका को कांस्य से संतोष करना पड़ा। फाइनल में बाल्कीबेकोवा का सामना उजबेकिस्तान की गुलासाल सुल्तोनालिएवा से होगा। गुलासाल ने पहले सेमीफाइनल में टाप सीड फिलपींस की जोसी गाबुको को 4-2 से हराया। जैस्मिन (57) को सेमीफाइनल में कजाखस्तान ली व्लादिस्लावा कुख्ता से 0-5 से हार का सामना करना पड़ा। जैस्मिन को भी मोनिका की तरह कांस्य पदक से संतोष करना पड़ेगा।
सिमरनजीत को 60 किग्रा वर्ग में कजाखस्तान की रिम्मा वोलोसेंको से 0-5 से पराजय का सामना करना पड़ा और अब उन्हें भी कांस्य पदक मिलेगा। लवलीना को उज्बेकिस्तान की नवाबखोरखामिदोवा से नजदीकी मुकाबले में 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। स्वीटी (81) को कजाखस्तान की फ़रीज़ा शोल्ते ने 5-0 से हराकर फ़ाइनल में जगह बनायी।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से होस्ट किए जा रहे इस आयोजन में चार रजत सहित कुल 15 पदक सुरक्षित करने के साथ, भारतीय दल ने अपना अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। भारतीय दल ने बैंकॉक में 2019 में आयोजित बीते संस्करण में 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे। भारतीय टीम पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रही थी।
इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ( एआईबीए) ने एशिया के इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए 4,00,000 अमेरीकी डालर की पुरस्कार राशि आवंटित की है। पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जाएगा, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा।
इस आयोजन में अब भारत, उज्बेकिस्तान, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाज अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। शुरुआत में इस टूर्नामेंट में 27 से अधिक देशों की भागीदारी की उम्मीद थी। हाल ही में लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण, हालांकि कुछ देश इसमें भाग नहीं ले सके।

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