किसी भी लक्षण को न करें नजर अंदाज, तुरंत लें चिकित्सक की सलाह


 मेरठ, 19 मई 2021। कोरोना की दूसरी लहर के बीच संक्रमण की बढ़ती दर ने लोगों को बेहाल कर दिया है। ऐसे में मानसिक रूप से स्वस्थ रहना एक चुनौती है। कोरोना लोगों की शारीरिक के साथ-साथ मानसिक सेहत पर भी हावी हो रहा है। जिन लोगों को कोरोना नहीं भी हुआ है, उनके भी मन में इसका डर बैठा हुआ है। सभी लोग कहीं न कहीं मानसिक रूप से परेशान हैं।

 अपर निदेशक परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य डा. राजकुमार ने बताया-कोरोना मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए कोरोना की दूसरी लहर में सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे में सभी को अधिक से अधिक हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए साथ ही हर व्यक्ति को कम से कम चार से पांच लीटर पानी प्रतिदिन पीना चाहिए। डॉ.राजकुमार ने बताया- कि इस बार देखा जा रहा है कि कोरोना के कारण दिमाग में खून के थक्के बन जा रहे हैं, जिसके कारण खतरा और अधिक बढ़ जाता है। इस अवस्था में कारगर उपचार नहीं मिलने पर मस्तिष्क में रक्त स्राव होने लगता है। ऐसी स्थिति में उपचाराधीन की जान पर बन आती है। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर में यह मस्तिष्क को अधिक नुकसान नहीं कर रहा था खासकर युवाओं में ऐसी समस्याएं न के बाराबर थीं।

  कोरोना की दूसरी लहर युवाओं के मस्तिष्क को बना रही शिकार

डा. राजकुमार ने कहा कि दूसरी लहर में देखा जा रहा है कि कोरोना हर आयु वर्ग के लोगों के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा रहा है। लेकिन इस बार यह युवाओं को शिकार बना रहा हे। ऐसे में बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होने बताया कोरोना संक्रमण के बाद शरीर बेहद कमजोर हो जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिसके कारण फंगल इंफेक्शन की आशंका बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद ब्लैक फंगस म्यूकरमाइकोसिस लोगों को घेर रहा है। मेरठ में इसके काफी मरीज मिल रहे है। इस रोग में काले रंग की फंगस नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उसे नष्ट कर करने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा जिन लोगों को मधुमेह है उन्हें और अधिक सावधान रहने की जरूरत है। यह फंगस आंखों को अधिक नुकसान पहुंचा रही है। सही समय पर उपचार नहीं मिलने पर आंखों की रोशनी जाने का खतरा पैदा हो जाता है। उन्होंने कहा कि बुखार, सिर दर्द, खांसी, सांस फूल रही हो, नाक बंद हो, नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो, आंख में दर्द हो, आंखों में सूजन आ जाए, डबल विजन हो या दिखना बंद हो जाए तो इनमें से किसी बात को नजरंदाज न करें। ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। इसमें जरा भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। 

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