पॉजिटिविटी दर घटकर 4.8 प्रतिशत हुई, अप्रैल में थी 16.33 प्रतिशत


नोएडा, 17 मई 2021। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के नियत्रंण तथा उपचार की प्रभावी व्यवस्था की गई है। हमारे प्रयासों के बेहतर नतीजे मिल रहे है, रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है। संक्रमण की पॉजिटिविटी दर में निरंतर गिरावट दर्ज हो रही है। अप्रैल में पॉजिटिविटी दर 16.33 प्रतिशत थी, जो तेजी से घटकर अब 4.8 प्रतिशत हो गयी है। हमारे कोविड प्रबंधन कार्यो की सराहना विश्व संगठन, नीति आयोग तथा बम्बई उच्च न्यायालय ने की है। राज्य सरकार कोरोना टेस्टिंग तथा उपचार की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करा रही है। प्रदेश में निःशुल्क कोविड टीकाकरण अभियान पूरी सक्रियता से संचालित है। यह जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में दी।
उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक कोरोना टेस्ट करने वाला राज्य है। प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 2.5 लाख टेस्ट किये जा रहे हैं। राज्य ने एक दिन में रिकार्ड 2.97 लाख टेस्ट किये हैं। टेस्टिंग संख्या में निरंतर वृद्धि के लिये प्रयोगशालाओं की क्षमता बढ़ायी जा रही है। सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में एल-1, एल-2 तथा एल-3 बेड़ उपलब्ध हैं। विगत 01 मार्च को 17325 बेड़ की उपलब्धता की तुलना में आज प्रदेश में 80 हजार ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं। कहीं भी बेड की कोई समस्या नहीं है।
राज्य सरकार सभी जिलों में ऑक्सीजन की अनवरत उपलब्धता सुनिश्चित करा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 1080 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। सभी जिलों में 72 घंटे से अधिक की रिजर्व ऑक्सीजन उपलब्ध है। ऑक्सीजन के सुचारु परिवहन के लिए क्रायोजेनिक टैंकर की व्यवस्था के लिए ग्लोबल टेंडर किया गया है। प्रदेश में ऑक्सीजन टैंकर की ऑनलाइन ट्रैकिंग व्यवस्था लागू है, जिसकी सराहना नीति आयोग ने की है।
प्रदेश में निःशुल्क कोविड टीकाकरण अभियान संचालित है। इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा 45 वर्ष से अधिक आयु तथा राज्य सरकार द्वारा 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के लोगों का निःशुल्क टीकाकरण कराया जा रहा है। इस आयुवर्ग का टीकाकरण वर्तमान में 18 जनपदों में संचालित हैं, जिसे सोमवार (17 मई) से पांच अन्य जनपदों में संचालित किया जाएगा। इस प्रकार 23 जिलों में युवाओं का टीकाकरण होने लगेगा। उत्तर प्रदेश कोविड टीकाकरण करने वाला अग्रणी राज्य है। वैक्सीन की सुचारु उपलब्धता बनाये रखने के लिए, उत्तर प्रदेश ग्लोबल टेंडर करने वाला पहला राज्य है।
गावों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश सरकार विशेष स्क्रीनिंग और टेस्टिंग अभियान संचालित कर रही है। हमारे इन प्रयासों की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग ने की है। विशेषज्ञों के द्वारा किये गये आंकलन के क्रम में प्रत्येक जिला चिकित्सालय और मेडिकल कालेज में प्रथम चरण में पेडियेट्रिक आईसीयू अर्थात पीकू की स्थापना के निर्देश दिये गये है। दूसरे चरण में सभी जनपदों के दो-दो सामुदायिक केन्द्रों (सीएचसी) पर पीकू स्थापित किये जाएंगे।
उन्होंने बताया-कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितयों में गरीब और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी श्रेणी के राशन कार्ड धारकों को तीन माह के लिए प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं तथा दो किलो चावल निशुल्क उपलब्ध कराया जायेंगा। इस प्रकार प्रति यूनिट पांच किलो निशुल्क खाद्यान्न जरूरतमंदों को मिलेगा। इससे प्रदेश की लगभग 15 करोड़ जनता लाभान्वित होगी। प्रदेश सरकार समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को हर संभंव राहत और मदद उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्पित है। शहरी क्षेत्रों में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार सहित नाविकों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि जैसे परम्परागत कामगारों को एक माह के लिए 1000 रूपये का भरण पोषण भत्ता प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग एक करोड़ गरीबों को राहत मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल, कोविड-19 के नोडल अधिकारी नरेन्द्र भूषण, पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा रितु माहेश्वरी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना विकास प्राधिकरण डा. अरूणवीर सिंह, जिलाधिकारी सुहास एल.वाई, मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. दीपक ओहरी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिवाकर सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वंदिता श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
 

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