गांव में न हुई कोरोना टेस्टिंग और न ही हुआ सैनेटाइज़ेशन


मेरठ। कोरोना काल की दूसरी लहर में जहां पूरा देश कोरोना की ज़द में आता हुआ दिखाई दे रहा है। आलम यह है कि देश के तकरीबन सारे बड़े राज्यों में कोरोना ने आतंक मचाया हुआ है तो वहीं अब खतरनाक कोरोना वायरस देहात की तरफ रुख किए हुए हैं। बात मेरठ की करी जाएं तो मेरठ के देहात क्षेत्र के गांवों में संदिग्ध मौतें होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल  मेरठ के परतापुर क्षेत्र के गगोल गांव में बीते 1 महीने के अंतराल पर 13 लोगों की मौत हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये मौतें बुखार के चलते हुई हैं लेकिन इन मौतों के बाद भी गांव में कोरोना की टेस्टिंग नहीं कराई जा रही है और ना ही गांव को सैनिटाइज कराया जा रहा है। जबकि सरकार इस बात का दावा कर रही है कि सरकार के द्वारा गठित की गई स्वास्थ विभाग की टीमें गांव गांव में पहुंचकर कोरोना की टेस्टिंग कर रही हैं साथ ही साथ गांवों को सैनिटाइज भी कराया जा रहा है। वहीं इन मौतों के बाद गांव वालों में सरकार के प्रति रोष दिखाई दे रहा है। गांव वालों का साफ तौर पर कहना है के गांव की जमीनी हकीकत सरकारी दावों से बिल्कुल उलट है। ना तो गांव में कोरोना की टेस्टिंग के लिए कोई स्वास्थ विभाग की टीम आ रही है और ना ही गांव को सैनिटाइज़ कराया जा रहा है। आलम यह है कि अभी तक कोई भी अधिकारी भी गांव में नहीं पहुंचा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सरकारी दावों की हकीकत है क्या क्योंकि सरकार तो इस बात का दावा कर रही है कि प्रदेश के हर गांव तक में कोरोना की टेस्टिंग के साथ-साथ सैनिटाइजेशन का प्रबंध किया गया है लेकिन गांव की मौजूदा हकीकत सरकारी दावों से बिल्कुल उलट दिखाई दे रही है। 

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