मेरठ। प्रदेश में सरकार किसी भी पार्टी हो लेकिन रिश्वतखोर हर सरकार की परेशानी का सबब बने हुए है। मेरठ की विजलेंस टीम ने गाजियबााद के जल निगम अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात विक्रम सिंह का रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। धरा गया अधिशासी अभियंता ठेकेदार से लगातार ७ प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहा था। कमीशन ने देने की एवज में काम न दिलाने की धमकी दे रहा था। धरे गये आरोपी के खिलाफ गाजियाबाद के कविनगर में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
 गाजियाबाद के जल निगम में अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात विक्रम सिंह ठेकेदार सतीश से लगातार ७ प्रतिशत कमीशन की मंाग कर रहा था। अधिशासी अभियंता कमीशन न देने पर ठेका रद करने का दबाव बना रहा था। इस बात की शिकायत सतीश ने मेरठ के विजलेंस विभाग से की।  जिस पर विजलेंस टीम ने जाल बिछाते हुए सतीश को १३ लाख रूपये पाउडर लगाकर दिये। योजना के अनुसार गुरूवार को टीम ने अपना जाल फैला दिया। जैसे ही सतीश ने जल निगम के अधिशासी अभियन्ता केा रिश्वत के १३ लाख रूपये दिये तत्काल विजलेंस की टीम  ने विक्रम सिंह को रंगे हाथो दबोच लिया। टीम ने मौके पर गवाह के रूप में दो सरकारी विभागों के कर्मचारियों से हस्ताक्षर कराये। टीम अधिशासी अभियन्ता को पकड कर कविनगर थाने में ले गयी। जहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। वहीं जल निगम के अधिकारियों व कर्मचारियेां को इस बात की खबर लगी तो वहां हडकंप मच गया। वहीं पकडे गये अधिसाशी अभियंता केा मेरठ के एंटी करप्शन स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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