मेरठ।   कोतवाली जामा मस्जिद स्थित दारुल उलूम में खत्म बुखारी शरीफ के मौके पर जलसे का आयोजन किया गया। इसमें 56 छात्रों को मौलवी की डिग्री दी और दस्तारबंदी की। जलसे में मुख्य अतिथि शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन सिद्दीकी ने तकरीर में कहा कि इस्लाम में हर बुराई से बचने की तालीम दी गई है।
जलसे में मौलाना खुर्शीद शेखुल हदीस दारुल उलूम ने अंतिम सबक पढ़ाया। मौलाना खुर्शीद और मुख्य अतिथि शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि हमें इस्लाम ने हर बुराई से बचने की तालीम दी है और अच्छाई को अपनाने की ताकीद की गई है। उन्होंने तलबा को तालीम में आगे बढ़ने की बात कही है। जलसे में याकूब अली समेत 56 छात्रों के आलिमयत से फारिग होने पर पगड़ी बांधी गई। मौलाना की डिग्री दी गई। नायब मोहतमिम दारुल उलूम देवबंद मौलाना अब्दुल खालिक संभली ने दुआ कराई। इस मौके पर मौलाना सलमान कासमी, मौलाना अमीर, प्रधानाचार्य दारुल उलूम मुफ्ती रिज़वान, मौलाना इजहार, मुफ्ती अफीफुल्ला कासमी, मौलाना अनवार, मौलाना हामिद, हाजी हनीफ मेट्रो, मौलाना जाकिर, मुफ्ती अताउररहमान, कारी हुजैफा, मास्टर शाहवेज, मास्टर ताजुद्दीन मौजूद रहे।

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