मेरठ। मेडिकल में चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दौरान कोरोना प्रोटोकाल का हिस्सा सोशल डिस्टेसिंग माननीयों के आगे दम तोड़ गया। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के नाम पर आईसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चींख चींख कर सोशल डिस्टेसिंग  बनाए रखने पर दिन में कई बार जोर देता है। निरीक्षण के दौरान भी चिकित्सा मंत्री ने बार-बार कोरोना प्रोटोकाल पर जोर दिया। इतना नहीं उन्होंने मेडिकल में अनावश्यक लोगों की आवाजाही को लेकर तो कठोर शब्दों में नाराजगी तक जता डाली।
लेकिन काफिले में साथ चले रहे लोगों के सोशल डिस्टेसिंग न मेनटेन किए जाने को लेकर एक बार भी आपत्ति नहीं की  गयी। काफिले की बात की जाए तो सांसद व महानगर अध्यक्ष के अलावा संगठन व सत्ता से जुडेÞ वरिष्ठ भाजपा नेताओं के अलावा पुलिस प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों व फोर्स का अमला भी साथ-साथ चल रहा था, लेकिन पूरे काफिले में कहीं भी कोई सोशल डिस्टेसिंग नजर नहीं आयी।  
सोशल डिस्टेसिंग व मास्क पर दिया जोर
मेरठ में संक्रमण के केसों के तेजी से दोबारा बढ़ने को लेकर चिकित्सा मंत्री सुरेश खन्ना  चिंतित व नाराज भी नजर आए। उन्होंने बेहद सख्त लहजे में कहा कि मेडिकल में भीड़ जैसे हालात नहीं बनने चाहिए। सोशल डिस्टेसिंग व मास्क का पालन करने में कठोरता दिखाएं। उन्होंने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को भी कोरोना गाइड लाइन व प्रोटोकाल का सख्ती से पालन कराने को कहा। उन्होंने कहाकि किसी भी दशा में मेडिकल व अस्पतालों में अनावश्यक भीड़ न जमा हो।
  ममता के शोर से मचा हडकंप
 दरअसल ममता नाम की एक महिला उस समय प्राचार्य कार्यालय के बाहर पहुंच गयी जहां मंत्री अधिकारियों के साथ कोरोना के सक्रमण को लेकर मंथन कर रहे थे। सुरक्षा में लगे कर्मचारियों ने जब उसे रोकने का प्रयास किया तो महिला चिल्लाने लगे यह आवाज मंत्री की कानों तक पहुुंची तो अधिकारियेां को पसीने आने शुरू हो गये। आनन फानन में अंदर से एक अधिकारी बाहर निकला जिसने महिला को समझाया। दरअसल महिला के हाथ का आपरेशन होना था। आपरेशन के लिये एक अन्य व्यक्ति की आवश्यकता होती है। आपरेशन से पहले फार्म भरना पडता है। महिला के रिश्तेदार  से बात की गयी। जिस पर महिला शांत हुई।
  

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