मेरठ ।लखनऊ के कारोबारी को मेरठ सदर पुलिस ने अवैध हिरासत में कई घंटे बैठाकर रखा। कारोबारी अपनी 10 लाख की रकम का तकादा करने मेरठ आया था। थाना पुलिस ने दूसरे पक्ष ने सेटिंग के बाद पूरा मामला बनाया और व्यापारी को होटल से उठा लिया। इस मामले में डीजीपी और मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है।
अमित रस्तोगी लखनऊ के रहने वाले हैं और इनका प्रॉपर्टी का कारोबार है। वह सीपीडब्लूडी में गाड़ियां भी उपलब्ध कराते हैं। अमित ने 200 गाड़ियों मेरठ के जाहिद सिद्दीकी निवासी त्यागी कंपाउंड सदर बाजार के संपर्क में सप्लाई की थी। चार-पांच साल से अमित का जाहिद पर 10 लाख रुपये बकाया चल रहा है। इसी मामले में लगातार तकादा किया जा रहा था, लेकिन रकम नहीं लौटाई गई। अमित का फोन भी उठाना बंद कर दिया। सोमवार को जाहिद के बेटे की शादी है, इस सूचना पर अमित लखनऊ से मेरठ पहुंच गए। यहां उन्होंने जाहिद को फोन मिलाया और बताया कि उनकी रकम लौटाई जाए। पैसा नहीं दिया तो घर आ जाएंगे। अमित ने इस संबंध में तीन कॉल की। इसके बाद भी जाहिद नहीं मिलने आए।
इसी दौरान इंस्पेक्टर सदर बाजार बिजेंद्र राणा ने अमित के मोबाइल पर फोन किया और उन्हें थाने बुलाया। अमित ने एक घंटे में थाने आने की बात कही। इसके बाद पुलिस टीम अमित को 20 मिनट में होटल से उठाकर थाने ले आई और अवैध हिरासत में बैठाकर रखा गया। जाहिद के घर शादी होने तक अमित को थाने में रखा गया। बाद में इसी मामले में लखनऊ में डीजीपी और मुख्यमंत्री से शिकायत कर दी गई। इसके बाद मेरठ पुलिस को अमित को छोड़ने के लिए निर्देश दिया गया। रात में अमित को छोड़ा गया। 
जाहिद की ओर से शिकायत दी गई थी कि उनके घर पहुंचकर अमित ने हंगामा किया और धमकी दी। चूंकि घर पर शादी थी, इसलिए अमित को थाने लाया गया था। बाद में अमित ने माफी मांगी और लिखित में माफीनामा दिया। कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। अमित को छोड़ दिया गया। - बिजेंद्र राणा, इंस्पेक्टर सदर बाजार।


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