मेरठ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बीच में समाजवादी पार्टी को रविवार को बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार मजबूती देने वाले मेरठ के गोपाल अग्रवाल का पार्टी से मोहभंग हो गया है। प्रदेश के व्यापारियों को समाजवादी पार्टी के पक्ष करने के लिए बड़े प्रयास करने वाले नेता ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है।
 बता दें समाजवादी पार्टी की समाजवादी व्यापार सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा दो बार पार्टी के प्रदेश सचिव रहे मेरठ के गोपाल अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी से रविवार को त्यागपत्र दे दिया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखे पत्र में उन्होंने त्यागपत्र को तत्काल प्रभावी माने जाने तथा मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव का आभार प्रकट करने के साथ पार्टी के सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं को धन्यवाद प्रेषित किया।
मूल रूप से आगरा निवासी गोपाल अग्रवाल ने 1967 में युवजन सभा से जुडऩे के बाद जीवन में समाजवादी आंदोलन से पृथक पार्टी में प्रवेश नहीं लिया। छात्र राजनीति से पूर्णकालीन भूमिका के साथ गोपाल अग्रवाल ने हिन्द मजदूर सभा ट्रेड यूनियन गतिविधियों एवं जॉर्ज फर्नाडीज के द्वारा प्रकाशित समाचार-पत्र प्रतिपथ में भी कार्य किया। वह आपातकाल में भूमिगत रहे जबकि उनकी गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाने की खातिर परिवार को कठोर यातनाएं दी गयी।
मेरठ प्रवास के दौरान उन्होंने व्यापारी राजनीति संभाली। मेरठ में समाजवादी पार्टी के अक्टूबर-नवंबर 2006 में आयोजित तीन दिनी प्रदेश महासम्मेलन के संयोजक रहे। वह समाजवादी चिंतन डॉ. राममनोहर लोहिया के जीवन काल में ही समाजवादी पार्टी से जुड़े। उन्होंने 1974 के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के साथ काम किया। गोपाल अग्रवाल ने कहा है कि उनके परिवार का चार पीढिय़ों के साथ समाजवादी अंदोलन का इतिहास है। वह जीवन पर्यन्त राजनीति में सक्रिय रुप से बने रहेंगे।

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