: पटना, 06 मार्च। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद के पास परिवहन विभाग के एक कार्यक्रम में राज्य में इलेक्ट्रिक बसों एवं अन्य बसों के परिचालन का शुभारंभ झंडी दिखाकर किया। साथ ही उन्होंने परिवहन विभाग की विभिन्न योजनाओं का उद्घाट्न एवं शिलान्यास भी किया।
कार्यक्रम में चार जिले जहानाबाद, बक्सर, गया एवं मधेपुरा में आधुनिक जिला परिवहन कार्यालय-सह-सुविधा केन्द्रों का शुभारम्भ भी हुआ, जिसकी प्राक्कलित राशि 10.37 करोड़ रुपये है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक बस में उपलब्ध सारी सुविधाओं की जानकारी ली और उसी बस से यात्रा कर विधानसभा पहुंचे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के नागरिकों को सस्ती, सुलभ, सुगम, सुरक्षित एवं आधुनिक सुविधायुक्त परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम हो रहा है। पटना शहरी क्षेत्र में 120 सिटी बसों का परिचालन हो रहा है, जिसमें प्रतिदिन 50 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं।
नीतिश कुमार ने कहा कि राज्य के सभी जिलों को मुख्यालय से जोड़ने के लिए 95 सुसज्जित एवं अत्याधुनिक आरामदायक बसें चलाई जा रही हैं, जिनमें 25 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। राज्य में इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन नयी पहल है, जिसमें ईंधन की बचत के साथ प्रदूषण रहित परिवेशीय वातावरण में नागरिकों को परिवहन सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इन अत्याधुनिक बसों का परिचालन राजगीर, मुजफ्फरपुर एवं पटना नगर सेवा के लिए विभिन्न मार्गों पर किया जायेगा। 
उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए पटना एयरपोर्ट को भी जोड़ा जा रहा है। यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए मोबाइल पास और प्रीपेड ट्रेवल कार्ड, ई-टिकटिंग आदि सुविधाएं लागू की गई हैं। इलेक्ट्रिक बस पूर्णतः प्रदूषण मुक्त, वातानुकूलित और सीसीटीवी युक्त (दो बस के अंदर एवं एक बाहर) हैं। इसमें इमरजेन्सी बटन एवं अलार्म बेल भी है। बस के अंदर यात्रियों को मोबाइल चार्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बसों में पब्लिक एनाउंसमेन्ट सिस्टम, तीन-तीन डिस्प्ले, ई-टिकटिंग की सुविधा, जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) के माध्यम से व्हीकल ट्रैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। फिलहाल 70 नयी लक्जरी, सेमी डीलक्स एवं डीलक्स बसों की शुरुआत की गई है, जिसमें 15 ए.सी. लक्जरी बस, 25 डीलक्स एवं 30 सेमी डीलक्स बसें हैं। इस बसों को राजधानी से सभी 38 जिलों को जोड़ने के लिए विभिन्न मार्गों पर चलाया जायेगा। 
उन्होंने कहा कि पटना जिले के बिहटा, सिकंदरपुर में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सहयोग से अत्याधुनिक इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर बनाया जा रहा है। सेंटर के निर्माण के लिए बिहार सरकार ने बिहटा में तीन एकड़ भूमि उपलब्ध करायी है। योजना की कुल लागत 19.65 करोड़ है, जिसमें 16.50 करोड़ रुपये सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार से स्वीकृत है एवं 3.15 करोड़ बिहार सरकार ने सड़क सुरक्षा मद से स्वीकृत की है।
नीतिश ने कहा कि इसके अतिरिक्त बिहार सरकार ने भूमि के लिए लगभग 06 करोड़ रुपये का व्यय किया है। इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर में सभी व्यवसायिक वाहनों की फिटनेस जांच अत्याधुनिक मशीनों की सहायता से ऑटोमेटेड तरीके से की जाएगी एवं वाहनों का दुरूस्ती प्रमाण-पत्र निर्गत किया जायेगा। राज्य के सभी जिलों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त तकनीकी आधारित मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना के लिए प्रत्येक जिले में लोक निजी भागीदारी (पी.पी.पी.) के तहत ड्राईविंग ट्रेनिंग स्कूल के स्थापना की पहल की गयी है। इसके लिए सड़क सुरक्षा निधि से 20 लाख रुपये अनुदान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य योजना के अंतर्गत जिला परिवहन कार्यालयों के क्षमता संवर्द्धन एवं नागरिकों की सुविधा के लिए आधुनिक जिला परिवहन कार्यालय-सह-सुविधा केन्द्रों का निर्माण सभी जिलों में कराया जा रहा है। अभी 27 जिलों में यह कार्य पूर्ण हो चुका है और शेष 07 जिलों में भवन निर्माणाधीन है।
कार्यक्रम की शुरुआत में परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने पौधा एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, राज्य परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी और मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


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