एमएसपी पर कानून बना दो, पूरे देश के किसान को लाभ होगा



गाजियाबाद, 08 फरवरी। यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में भूख पर व्यापार नहीं होगा। भूख से व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा। अपनी बात को श्री टिकैत ने यह कहते हुए समझाने का प्रयास किया कि जैसे निजी एयरलाइंस एक ही दिन में एक ही फ्लाईट के अलग-अलग रेट वसूलती हैं, देश के अनाज पर कारपोरेट का कब्जा होने के बाद इसी तर्ज पर भूख पर व्यापार करने की तैयारी है। नए कृषि कानून इसी व्यापार के लिए लाए गए हैं। जिसको जितनी ज्यादा भूख होगी, उसे उतना ही ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। सोमवार को सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद गाजीपुर बार्डर पर राकेश टिकैत मीडिया के सवालों के जबाब दे रहे थे।  
आंदोलन के लिए नई बिरादरी आने के सवाल पर चौधरी टिकैत ने कहा कि या नई बिरादरी किसान बिरादरी है और धीरे-धीरे सब लोग किसान बिरादरी के साथ आ गए हैं। बड़े किसानों के आंदोलन के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि वे लोग कभी कुछ कहते हैं, कभी कुछ कहते हैं। पहले इस आंदोलन को पंजाब का आंदोलन बता रहे थे, फिर जाटों का आंदोलन कहने लगे और छोटे किसान और बड़े किसान की बात कहकर उलझाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि किसान किसान होता है। न कोई किसान बड़ा है न कोई छोटा। न कोई किसान पंजाब का है न उत्तर प्रदेश का। आंदोलन पूरे देश के किसान का है। कर्नाटक और केरल तक के किसान आंदोलन में शामिल हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों में काला-सफेद की बात कर रही है। सरकार 15 संसोधन करने को तैयार है तो सरकार ने इन्हे काला तो मान ही लिया है। कौन सी चीज काली है सरकार ही बताए।
प्रधानमंत्री के इस बयान पर कि कृषि मंत्री लगातार किसान नेताओं से बात कर रहे हैं, राकेश टिकैत ने कहा कि हां बात कर रहे होंगे। हमारा संयुक्त मोर्चा बात करेगा। हमने बातचीत के दरवाजे बंद नहीं किए हैं। एमएसपी है और रहेगा के सवाल पर श्री टिकैत ने कहा कि वे उलझा रहे। हमने कभी नहीं कहा कि एमएसपी खत्म हो रही है। हम तो यह कह रहे हैं कि एमएसपी पर कानून बने, ताकि व्यापारी एमएसपी से कम रेट पर खरीदी न कर सके। एमएसपी पर कानून बनने से पूरे देश के किसान को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में पानी से सस्ता दूध है। किसान को दूध का रेट 25 रूपए से ज्यादा नहीं मिलता। महंगाई के चलते किसान दूध के मामले में भी घाटे में है। समस्या और समाधान का विकल्प चुनने के सवाल पर किसान नेता ने कहा कि समस्या ही काट दो। बिल बापस ले लो।
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मंत्री-सांसदों से पेंशन छोड़ने की अपील करें प्रधानमंत्री : टिकैत
एक सवाल के जबाब में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश के जवान को पेंशन नहीं मिलती और विधायक सांसद और मंत्री पेंशन ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री और सांसदों से प्रधानमंत्री उसी तर्ज पर पेंशन छोड़ने की अपील करें जैसे उन्होंने गैस सिलेंडर पर सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी।
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देश में टर्की के हालात नहीं होने देंगे :
देश में दूध का किसान घाटे में हैं। इस घाटे के सौदे के चलते देश में पशुओं की संख्या लगातार घट रही है। यही हाल रहा तो टर्की की तरह सारे पशु खत्म हो जाएंगे। हम ऐसा नहीं होने देंगे। देश में टर्की के हालात पैदा नहीं होने देंगे। छोटे किसानों की बात कर रहे हैं तो पहले उन्ही आय बढाकर छह हजार से 24 हजार कर दें। छोटे किसानों का कर्जा माफ कर दें।
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