छतारी में उर्दू की राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
- मौजूद लोगों को किया उर्दू के प्रति जागरूक
छतारी (बुलंदशहर) : बुधवार को दृष्टि रूरल डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के तत्वाधान कौमी काउंसिलिंग बरोय करोगे उर्दू जबान नई दिल्ली के सहयोग से नगर के एस.एच. भगतसिंह इन्स्टीटृयूट आई टी एण्ड मैनेजमेन्ट में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार मौलाना इस्माईल मेरठी की अदवी खिदमत और अदवे अफताल विषय पर आयोजित किया गया। जिसकी शुरूआत एस. एस.पी. जी. कॉलेज सिरसी के उर्दू विभागाध्यक्ष डा. शफीकुर्रहमान शफीक बरकाती ने नाते रसूले पाक से की।
पहासू रोड़ स्थित एक आवास में तदोपरान्त श्याम लाल पी. जी. कॉलेज हसनपुर के उर्दू विभागाध्यक्ष डा. एम. ए. मारूफ ने मौलाना इस्माईल मेरठी की ध्यात व अदवी खिदमत पर रोशनी डालते है। जिन्होने बच्चों की नज्मों की तरफ कसीदा मीसिया सबाई के अलावा नसरी अदव में भी योगदान दिया मगर बच्चों की नज्मों में आपका कोई सानी नहीं।
अलीगढ़ विश्व विद्यालय विमन्स कॉलेज में उर्दू के प्रोफेसर डा. फुरकान संभली ने अपने लोख में इस्माईल मेरठी के प्रकृति प्रेम पर विस्तार से बोलते हुए कहा कि मौलाना की नज्जों में प्रकृति से जुड़ी हुई चीजों को बड़ी खूबी से बयान किया ही हरियाली बाग नड़िया पहाड़ पेड़ पौधों को अपनी नज्जों (कविताओं) में स्थान दिया है उन्होंने कहा आज स्कूल में जो उर्दू किताब पढ़ाई जाती है इसमें मौलाना की दर्सा किताबे बहुत मशहूर हुई।
प्रोफेशर शफीक बरकाती ने मौलाना की मशहूरे जमाना नज्में हमारी गाय का श्रालोचनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया। उन्होने कहा आप हम लोग गाय के नाम पर एक दूसरे की जान के दुश्मन बने हुए है। मगर यह गाय किसी से भेदभाव नही करती सबको अपना मीठा मीठा और ताजा दूध देती है। उसकी नजर में सब उसके है। वह सबकी है। हमें गाय बनाने के लिए अल्लाह का शुक्र गुजार होना चाहिए।
मुरादाबाद मुस्लिम पी. जी. कॉलेज मुरादाबाद के उर्दू विभागाध्यक्ष डा. शाकिर इस्लाही ने इस मौके पर अपना लेख पढ़ते हुए कहा कि शायरी हर इन्सान पसन्द करता है। गजल सबकी महबूब है। मगर नज्ज को गजल की तरह सबकी महबूब बनाने में मौलाना इस्माईल का बहुत बड़ा येगदान है। आप ने छोटी छोटी नज्मों का आम जबान में कहावत है नज्म के बकार को बढ़ाया।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के फारसी विभाव के प्रोफेसर डा. कमर आलम ने अपने लेख में कहा कि मौलाना इस्माईल मेरठी आसमान शायरी पर चमकने बाले शायरों में एक बाकमाल नाम है। आप उर्दू के साथ फारसी में भी कमाल हासिल किया बहुत सारी अंग्रेजी और फारसी की हिकायतों और नज्मों को भी उर्दू तजुर्मो करके उर्दू को खूबसूरत नज्में दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आजाद गर्ल्स कालेज के प्रबन्धक डा. शहजाद अध्यक्ष ने कहा कि उर्दू के लिए दृष्टि रूरल डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के सेवायें सराहनीय एंव प्रशासनीय हो उन्होंने कहा उर्दू किसी धर्म सम्प्रदाय या वर्ग की भाषा नहीं है। यह शुरू भारतीय भाषा है जिसे आगे बढ़ाने में हिन्दू मुस्लिम सिख ,ईसाई सभी ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसमें जो मिठास है वह दूसरी किसी जगह नहीं मिलती। इस मौके पर अतिथियों को प्रशस्ती पत्र एंव यादगार चिन्ह (मॉमिन्टो) देकर सम्मानित किया गया। सेमिनार के अन्त में कार्यक्रम संयोजक श्री संदीप कुमार शर्मा सहित दर्जनों मौजूद रहे।
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