पोषण माह

दादी समझीं . माता भी समझीं. समझा पूरा परिवार. कितना हो बच्चे का पूरक आहार


नोएडा। आजकल चल रहे राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग लोगों को पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रयास कर रहा है। इसी क्रम जिले में बच्चों के पोषण पर खास ध्यान आकर्षित करने के लिए पूरक आहार आधारित पोस्टर तैयार किए गए हैं। जो कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिये हर उस घर में पहुंचाने की कोशिश है जहां छह माह से दो साल तक के बच्चे हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने बताया कि इस पोस्टर को देख कर आसानी से समझा जा सकता है कि किस उम्र के बच्चे को कब और क्या खिलायें। इस पोस्टर की थीम है स्तनपान के साथ सही आहार, स्वस्थ तन और मन का आधार।
उन्होने बताया कि यह पोस्टर गृहणियों को खूब भा रहा है।  यूं तो पहले भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर.घर जाकर बच्चों को खानपान के बारे में सलाह देती रहीं हैं, लेकिन कई बार देखा गया कि उनके द्वारा दिये गये टिप्स माताओं और घर की अन्य सदस्यों को ध्यान नहीं रहते थे। इस वजह से कई बार बच्चों के आहार में कुछ कमी रह जाती थी। अब हमने इसके लिए जानकारी पऱक चार्ट तैयार कराया है। इस चार्ट के माध्यम से छह माह से दो वर्ष तक के बच्चे को कब और क्या खिलाना है बहुत ही आसान तरीके से समझाया गया है। घर में पोस्टर लग जाने से मां के अलावा दादी व पूरा परिवार जान जाता है कि बच्चे का पूरक आहार क्या है।
पोस्टर में बताया गया है कि छह माह से नौ माह तक के बच्चों को ऊपरी आहार के रूप में खिचड़ी, दलिया, मसला हुआ केला, मसला हुआ आलू दें। नौ से 12 माह तक के बच्चों को खिचड़ी, कटे फल, दाल रोटी, दाल.चावल और दलिया दें। इसी तरह 12 से 24 माह तक के बच्चों को रोटी सब्जी, फल, हलुआ, खीर, दलिया और खिचड़ी खिलायें।
 कितना खिलाएं.
छह से आठ माह के बच्चों को  आधी कटोरी आहार दिन में तीन बारए आठ से 12 माह के बच्चों को आधी कटोरी आहार दिन में तीन बार और एक बार नाश्ता। 12 से 23 माह तक आधी कटोरी आहार दिन में तीन बार और दो बार नाश्ता दें।
 सफाई का रखें ख्याल, बच्चा रहे  खुशहाल
पोस्टर में बताया गया है कि बच्चे को भोजन कराते वक्त आवश्यक स्वच्छता व्यवहार अपनाएं। घर में ताजा बना खाना ही खिलाएंए साबुन से हाथ धोएं। भोजन बनाने से पहले अपने हाथ और बच्चे को भोजन खिलाने से पहले उसके हाथ साबुन से जरूर धोएं। खानपान की स्वच्छता का ध्यान रखें। फल और सब्जियां अच्छी तरह धोकर ही प्रयोग करें। बच्चों को साफ धुली हुई कटोरी में ही भोजन दें। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा विभाग का प्रयास है कि गृह भ्रमण के दौरान ऊपरी आहार की सही जानकारी गृहणियों तक पहुंचे और पोषण संबंधी व्यवहार को प्रोत्साहन मिले।
लाभ मिला पोस्टर से
आंगनबाड़ी केन्द्र गेझा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कविता ने बताया कि पोस्टर से उन्हें काफी लाभ हुआ है। पोषण के बारे में बच्चों की माताएं  समझाती तो पहले भी थीं लेकिन वह हमारे द्वारा बताया हुई सभी कुछ याद नहीं रख पातीं थीं। अब पोस्टर उनके घर में ही लगा दिया जाता है और अलग से समझा भी दिया जाता है । अब बच्चों की माताएं इसे देख कर बच्चों का सही पोषण कर रही हैं। पोस्टर की खासबात यह है कि जो महिला बिल्कुल भी पढ़ी.लिखी नहीं हैं वह इसमें बनी तस्वीरों से क्या और कितना खिलाएं समझ जाती हैं।



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