. बच्चों की तरह रखें अल्जाइमर्स के मरीज का ख्याल
. विश्व अल्जाइमर्स दिवस पर स्वास्थ्य कर्मियों का संवेदीकरण किया गया
गाजियाबाद। विश्व अल्जाइमर्स दिवस के मौके पर सोमवार को जिला एमएमजी अस्पताल के सभागार में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों का संवेदीकरण किया गया। अस्पताल के फिजीशियन डाण् आरपी सिंह ने कहा कि बुजुर्ग रिटायरमेंट के बाद भी अपने आपको एक्टिव रखकर अल्जाइमर्स.डिमेंशिया से बच सकते हैं। उन्होंने बताया सीधी भाषा में यह अधिक उम्र के लोगों में भूलने वाली बीमारी है। इसका बड़ा कारण यह है कि उम्र के इस पड़ाव पर लोग दिमागी कसरत बंद कर देते हैं। साइकेट्रिस्ट डाण् साकेत नाथ तिवारीए डा. एके विश्वकर्मा और मनोरोग काउंसलर डा.चंदा यादव ने अल्जाइमर्स की जल्दी पहचान पर जोर दिया और स्वास्थ्य कर्मियों को इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सीएमएस डा. अनुराग भार्गव ने बताया पूरे सप्ताह अल्जाइमर्स.डिमेंशिया को लेकर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
जिला एमएमजी अस्पताल के फिजीशियन डा. आरपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अल्जाइमर से बचाव के लिए जरूरी है कि बुजुर्ग एक्टिव बने रहें। रोजाना योग और व्यायाम करने के अलावा अखबार पढ़ें और साथ ही मानसिक व्यायाम के लिए अखबार में आने वाले सुडोकू का सहारा लें। बेहतर हो कि रिटायरमेंट के बाद बुजुर्ग घर में बच्चों को पढ़ाएं। इससे दो काम होंगे, बुजुर्गों का मानसिक व्यायाम होने के साथ घर में उनकी उपयोगिता भी बनी रहेगी और ऐसे में परिजन उनके साथ आत्मीय रूप से भी जुड़े रहेंगे। दरअसल, आमतौर पर 60 वर्ष से अधिक आयु में होने वाली इस बीमारी का बहुत बड़ा कारण बुजुर्गों का रिटायरमेंट के बाद निष्क्रिय हो जाना और परिवार में उपेक्षित हो जाना भी है।
डा. साकेतनाथ तिवारी ने कहा कि अल्जाइमर होने पर लोग छोटी.छोटी बातें भूलने लगते हैं। जैसे कमीज का बटन कैसे लगाना है। घर से निकलकर रास्ता भूल जाते हैं। यहां तक नहाने का पानी कितना गर्म होना चाहिए, यह तय करने में भी असमर्थ हो जाते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि नहाने के लिए घर के दूसरे सदस्य पानी का तापमान देखकर ही दें। ऐसा न हो कि बहुत तेज गर्म पानी से नहाकर वह खुद को नुकसान न पहुंचा लें। अल्जाइमर्स मरीजों का एकदम बच्चों की तरह ख्याल रखें। आत्मीयता भी ऐसे मरीजों के लिए थेरेपी का काम करती है। चंदा यादव ने जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ में दी जाने वाली थेरेपी के बारे में जानकारी दी।
मनोरोग विशेषज्ञ डा. एके विश्वकर्मा ने बताया कि अल्जाइमर के मरीजों को हाल.फिलहाल की बातें याद नहीं रहतीं। जैसे सुबह नाश्ते में उन्होंने क्या खाया वर्षों पुरानी बातें उन्हें जस की तस याद रहती हैं। अल्जाइमर्स के लक्षण आने पर इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है कि पीडि़त अवसाद डिप्रेशन से ग्रस्त तो नहीं है। क्योंकि अल्जाइमर्स के साथ डिप्रेशन होना आम बात है।
No comments:
Post a Comment