वरिष्ठ संवाददाता

मेरठ।इसे प्रशासन व कंपनी की लापरवाही कहे लेकिन मेडिकल कालेज में बुधवार को एक सफाई कर्मचारी ने मौत को गले लगा लिया था। मेडिकल कॉलेज के एक सफाई कर्मचारी को कई महीनों से वेतन नहीं मिला था। इस कारण उसने बुधवार दोपहर को अपने घर पर फांसी लगाकर जान दे दी। इससे पहले सुबह में वेतन मांग को लेकर मेडिकल के अन्य सफाईकर्मियों के साथ धरना दिया था। जिसपर आश्वासन के अलावां और कुछ नहीं मिला। कुछ सफाई कर्मियों का कहना है कि यह आश्वासन पहले भी कई बार दिया जा चुका हैए पर अभी तक किसी तरह की राहत नहीं दी गई। वही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को उतारकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।
 जॉनी पुत्र बालकृष्ण मेडिकल कालेज में काम कर रही कंपनी में बतौर सफाई कर्मचारी था । वह मेडिकल परिसर में मकान में रहता था। मई माह में उसकी शादी हुई थी। कुछ समय से उसका पत्नि से विवाद चल रहा था। पत्नि  मायका में रह रही थी। बुधवार को धरने से लौटकर युवक घर चला गया था। स्वजनों का कहना है कि युवक अपने कमरे में ही था। काफी देर होने के बाद जब बुलाने पर नहीं आया तो लोगों की मदद से दरवाजा तो?ा गया। वहीं पुलिस ने स्वजनों से पूछताछ की, जिसमें परिजनों ने वेतन न मिलने से आत्महत्या की बात से इन्कार किया है। पुलिस का कहना है कि मामले में अभी तक तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर मामला दर्ज किया जाएगा। बता दें मेडिकल कॉलेज में कुछ दिन पहले सफाई की जिम्मेदारी नए कंपनी को दी गई थी। विश्व इंटरप्राइजेज कंपनी ने मेरठ मेडिकल की सफाई का जिम्मा उठाया था। तभी से यह कंपनी कोरोना काल में सफाईकर्मियों से काम ले रही है, लेकिन अभी तक एक भी पैसा इनकों नहीं मिला है। जिसपर नाराज होकर कई बार कर्मियों ने आवाज उठाईए पर हर बार कंपनी के सुपरवाइजर ने बात को टाल दिया।

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