डिब्बा बंद दूध एवं कृत्रिम आहार पर प्रतिबंध
डब्ल्यूएचओ के सुझाव पर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का फैसला
न्यूज प्रहरी, मुजफ्फरनगर। कोविड 19 संक्रमण के दौरान प्रदेश में इनफेन्ट मिल्क सब्सीट्यूशन फीडिंग बोटल एंड इनफेन्ट फूड्स एक्ट आईएमएस एक्ट के प्रावधान एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुझाव को देखते हुए बच्चों को दिये जाने वाले डिब्बा बंद दूध पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को इस बारे में कार्रवाई करने को कहा गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक शत्रुघन सिंह ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को विभिन्न कंपनियों एवं स्वसंसेवी संस्थाओं द्वारा डिब्बा बंद दूध एवं कृत्रिम आहारों के निशुल्क वितरण को तत्काल प्रतिबंधित करने के लिए पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि महामारी के दौरान प्राय: देखा गया है कि कृत्रिम दूध बनाने वाली कंपनियां जिला स्तर पर शिशु और परिवारों को डिब्बाबंद दूध, कृत्रिम दूध पाउडर की बिक्री बढ़ाने का प्रयास करती हैं। कमर्शियल शिशु आहार मां के दूध और ऊपरी आहार का स्थान ले लेता है और बच्चों को कुपोषण के चक्र में डाल देता है। इसको देखते हुए गर्भवती और धात्री माताओं एवं उनके परिवारों को मुफ्त सैंपल दूध की बोतल एवं कृत्रिम आहार देने, दो वर्ष तक के बच्चों के लिए डिब्बाबंद दूध रोक को प्रभावी तरीके से लागू कराया जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्लूएचओ, का कहना है कि डिब्बा बंद दूध आदि के सेवन से 6 माह से कम उम्र वाले बच्चों की मृत्यु दर बढऩे की आशंका बनी रहती है इसलिए कम से कम एक साल तक बच्चे को कृत्रिम आहार देने से बचना चाहिए।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा अमिता गर्ग ने बताया मां का दूध पीने से बच्चे स्वस्थ रहतो हैं। मां को अपने नवजात बच्चों को कभी भी डिब्बा बंद दूध व आहार बिना डॉक्टर की सलाह लिए नहीं देना चाहिये। बच्चे को स्वस्थ रखना चाहती हैंए तो जन्म के एक घंटे के अंदर अपना स्तनपान जरूर करायें। इससे बच्चे को बीमारियों से लडने में प्रतिरोधक क्षमता ब?ेगी। नवजात शिशुओं को बाहरी दूध देने से परहेज करना चाहिए।
उन्होंने बताया विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सलाह दी गयी है कि कोविड संक्रमण के दौरान मां स्तनपान कराने में सक्षम नहीं तो अपना दूध तो कटोरी में निकालकर चम्मच से पिला सकती हैं। यदि मां इतनी ज्यादा बीमार है कि दूध निकाल कर भी नहीं दे सकती हैए तो स्तनपान कराने के लिए दूसरी महिला से सहयोग ले सकती है। प्रत्येक दशा में मुंह पर मास्क लगाना है और हाथों को साफ रखना है।,
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