खादी केवल वस्त्र नहीं, देश की पहचान है:कविता

 खादी और स्वदेशी का संगम; मेरठ में कवि सम्मेलन का आयोजन

मेरठ। मंडल स्तरीय खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी के तहत रविवार शाम राजकीय इंटर कॉलेज, बेगमपुल परिसर में आयोजित कवि सम्मेलन में खादी, राष्ट्रप्रेम और स्वदेशी की भावना शब्दों में उतर आई। कार्यक्रम की शुरुआत गाजियाबाद की कवयित्री नंदिनी श्रीवास्तव ने मां शारदे के गीत से की, जिससे पूरे पंडाल में साहित्यिक माहौल बन गया।

मेरठ के प्रसिद्ध कवि डॉ. प्रतीक गुप्ता ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा-“जान है, मान है, गुरूर है, शान है, गर्व है, रौब है, आत्मविश्वास की पहचान है…और यह केवल कपड़ा नहीं है मेरे मित्रों, यह केवल खादी नहीं, मेरे देश की पहचान है।”उनकी पंक्तियों पर श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया।

कवि सम्मेलन में मनीष मधुकर (दिल्ली), डॉ. सुरेश अकेला (चंदौली), नंदिनी श्रीवास्तव (गाजियाबाद) और विनय विनम्र (गोरखपुर) ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। कवियों ने राष्ट्रभक्ति, वीर रस, सामाजिक सरोकार और मानवीय संवेदनाओं को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।कार्यक्रम में भाजपा पश्चिम उत्तर प्रदेश आपदा राहत विभाग के क्षेत्रीय संयोजक आलोक सिसोदिया मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने प्रदर्शनी में लगे विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया और खादी व ग्रामोद्योग उत्पादों की सराहना की।परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी मान्या चतुर्वेदी ने सभी कवियों का स्वागत और आभार जताया। इस दौरान गाजियाबाद के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी कुलमोहित सिंह सहित मेरठ मंडल के विभिन्न जनपदों से आए कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

प्रदर्शनी में खादी वस्त्र, कश्मीरी शॉल, सिल्क साड़ियां, रेडीमेड गारमेंट्स, कोट-ब्लेजर, लकड़ी का फर्नीचर, मिट्टी से बने उत्पाद, देशी घी, अचार-मुरब्बा, धूपबत्ती, गौ-गोबर से बने उत्पाद सहित अनेक स्वदेशी और उच्च गुणवत्ता वाले सामान उपलब्ध हैं।जिला प्रशासन और ग्रामोद्योग विभाग ने मेरठ व मंडल के सभी नागरिकों से परिवार सहित प्रदर्शनी में पहुंचकर स्वदेशी उत्पाद खरीदने और खादी-ग्रामोद्योग को प्रोत्साहन देने की अपील की है।


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