'धुरंधर' के चलते बलूचिस्तान एक बार फिर चर्चा में

बलूचिस्तान से हैं बॉलीवुड के ये 6 स्टार, किसी ने विलेन बन मचाया कोहराम

मुंबई।'धुरंधर' के चलते बलूचिस्तान एक बार फिर चर्चा में है, जिसमें बलोचों के दबदबे को दिखाया गया है। ऐसे में हम आपको बॉलीवुड के उन कलाकारों के बारे में बताते हैं, जो बलूचिस्तान से ताल्लुक रखते हैं।

रणवीर सिंह स्टारर 'धुरंधर' का कोहराम अब भी कम नहीं हुआ है। तीसरे शनिवार को इस फिल्म ने 30 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस करके साबित कर दिया कि अभी इसकी रफ्तार में कमी नहीं आने वाली। आदित्य धर के निर्देशन में बनी इस फिल्म की रिलीज के साथ कई चीजों की चर्चा शुरू हो गई है, जिनमें से एक बलूचिस्तान भी है। धुरंधर में कराची के ल्यारी इलाके को दिखाया गया है, जिस पर बलोच समुदाय के लोगों का दबदबा था। लेकिन, क्या आप बलूचिस्तान से आने वाले उन कलाकारों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने बॉलीवुड में अपने कला की धाक जमाई। नहीं, तो चलिए आपको बॉलीवुड के उन कलाकारों के बारे में बताते हैं, जिनमें से किसी ने विलेन बनकर लोगों के दिल में भय पैदा कर दिया तो किसी की खूबसूरती ने दिल जीत लिए।

सुरेश ओबेरॉय

सुरेश ओबेरॉय का परिवार विभाजन के चलते क्वेटा से भारत आया था, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान का हिस्सा है। सुरेश ओबेरॉय के परिवार का बॉलीवुड से नाता नहीं था, उनके पिता पाकिस्तान में एक बिजनेसमैन थे, जो अपने परिवार को लेकर भारत आ गए। जब सुरेश ओबेरॉय के पिता उन्हें और परिवार को लेकर भारत आए, उनकी उम्र मात्र 1 साल थी। सुरेश ओबेरॉय ने बतौर मॉडल अपना करियर शुरू किया और फिर खलनायक की भूमिकाओं से लाइमलाइट में आए। सुरेश ओबेरॉय हिंदी, उर्दू, पंजाबी, पश्तो और इंग्लिश सहित कई भाषाओं में माहिर हैं।

कादर खान

कादर खान भी पाकिस्तान के काबुल से भारत आए थे। उनका जन्म काबुल के एक पश्तून परिवार में जहुआ था और उनकी जड़ें भी पिशिन, बलूचिस्तान से जुड़ी हैं। कादर ने 1973 1973 में 'दाग' से अपना करियर शुरू किया और 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। वह एक अच्छे अभिनेता होने के साथ-साथ बेहतरीन राइटर भी थे। उन्होंने 250 से ज्यादा फिल्मों के लिए डायलॉग लिखे और 2019 में उन्हें मरणोपरांत पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।

राज कुमार

हिंदी सिनेमा में अपने अक्खड़ मिजाज से बड़ों-बड़ों की बोलती बंद करने वाले दिग्गज दिवंगत अभिनेता राज कुमार भी पाकिस्तान से ही भारत आए थे। उनका जन्म 1926 को लोरलाई में हुआ, जो बलूचिस्तान में आता है। उनका असली नाम कुलभूषण पंडित था। फिल्मों में अभिनय से पहले वह मुंबई पुलिस में कार्यरत थे और जब उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा तो अपने शानदार अभिनय और डायलॉग डिलीवरी से सबको अपना कायल बना दिया।

अमजद खान

'शोले' के गब्बर, यानी अमजद खान का जन्म भी 1940 को क्वेटा में हुआ था। अमजद खान ने अपने करियर में करीब 130 फिल्में कीं और अपनी डायलॉग डिलीवरी से सबको अपना दीवाना बनाया। अमजद खान के सबसे यादगार किरदारों की बात करें तो शोले में गब्बर सिंह नाम के डाकू की भूमिका आज भी उनके फैंस की पसंदीदा है, जिसने हिंदी सिनेमा के खलनायकों को नया रूप दिया। इस फिल्म की रिलीज के बाद वह भारत के सबसे पॉपुलर अभिनेताओं में से एक बन गए।

वीना कुमारी उर्फ ताजौर सुल्ताना

इस लिस्ट में वीना कुमारी उर्फ ताजौर सुल्ताना का नाम भी शामिल है। वीना कुमारी का जन्म क्वेटा में हुआ था, जो हिंदी और उर्दू सिनेमा की सबसे चर्चित चेहरों में से थीं। अपनी प्रभावशाली परफॉर्मेंस के लिए मशहूर वीना कुमारी ने 1940 से 1950 के बीच सिनेमा की दुनिया में काम किया। ये वही दौर था जिब भारतीय सिनेमा की नींव रखी गई थी।

जेबा बख्तियार

जाने-माने सिंगर अदनान सामी की पूर्व पत्नी और अभिनेत्री जेबा बख्तियार भी बलूचिस्तान से नाता रखती हैं। जेबा अब पाकिस्तान फिल्म और टीवी इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस, निर्माता और निर्देशक हैं, लेकिन ऋषि कपूर स्टारर 'हिना' में अपनी भूमिका के लिए वह आज भी जानी जाती हैं।

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