कर्तव्य पालन से विकास
इलमा अज़ीम
यह सही है कि किसी भी देश में आर्थिक विकास की दर को तेज करने में, उस देश में लागू की जाने वाली आर्थिक नीतियों का प्रभाव पड़ता है परंतु यदि उस देश में समाज भी सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का प्रयास करे तो आर्थिक विकास की गति को और अधिक तेज किया जा सकता है।
अर्थात, समाज को अपने नागरिक कर्तव्यों पर आज और अधिक विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। देश के कानूनों का पालन करना और उनका सम्मान करना नागरिकों की जिम्मेदारी है। इस कर्तव्य को पूरा करने से समुदाय में अनुशासन और सुरक्षा की भावना पैदा होती है। दैनिक जीवन के छोटे छोटे नियमों का पालन करने से सामाजिक अनुशासन का विकास होता है। जैसे, यातायात नियमों का पालन करना। जहां आवश्यक हो वहां वाहन कतार में लगाना। नागरिक कर्तव्य के अंतर्गत नागरिकों से अपेक्षा की जाती है कि वे विभिन्न करों का भुगतान समय पर करें एवं सही राशि का भुगतान करें। यह देश की आर्थिक प्रगति के लिए आवश्यक है।
यदि समस्त नागरिक अपने इस कर्तव्य का पालन करते हैं तो भारत में करों की दरों को निश्चित ही और अधिक नीचे लाया जा सकता है। इसी प्रकार, राष्ट्रीय सम्पत्ति की सुरक्षा एवं रखरखाव करना भी नागरिकों का परम कर्तव्य है, जैसे सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता बनाए रखना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना। कभी कभी आम जनता को गुमराह कर आंदोलन हिंसक रूप लेते नजर आते हैं एवं परिणामस्वरूप देश में आगजनी, लूटपाट और राष्ट्रीय सम्पदा की हानि देखने को मिलती है। इस सम्बंध में समाज में जागरूकता पैदा किए जाने की आज सख्त आवश्यकता है।





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