राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सौ साल यात्रा से परिचित कराया

- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम तीन सरसंघचालकों के चयनित प्रसंग पर आधारित तीन भागीरथ का मंचन

- संघ की स्थापना का संकल्प, प्रचार प्रसार, महात्मा गांधी व डॉ हेडगेवार की भेंट का प्रसंग अविस्मरणीय रहा

मेरठ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम तीन सरसंघचालकों डा. केशवराव बलिराम हेडगेवार, गुरु माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर एवं मधुकर दत्तात्रेय देवरस के कृतित्व एवं राष्ट्रीय नेतृत्व के चयनित प्रसंगो पर आधारित श्रीधर गाडगे लिखित नाटक संघ के तीन भागीरथ का मंचन चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह में किया गया। संस्कार भारती मेरठ महानगर के तत्वाधान में मातारानी फाउंडेशन की ओर से मंचित नाटक का निर्देशन संजय पेडसे ने किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ मेरठ प्रान्त के संघचालक प्रेम चन्द्र व संस्कार भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री विजय जी व अन्य अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। संस्कार भारती के ध्येय गीत को प्रस्तुत करती कलाकारों ने भावपूर्ण प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

तीस सदस्यीय नाटक दल के मार्गदर्शक रविन्द्र भुसारी व संगीत भाग्य चिट्नीस का नेपथ्य में सतीश पेडसे निर्माता सारंगी पेडसे का था। अतिथियों का स्वागत संस्कार भारती मेरठ महानगर अध्यक्ष डा.मयंक अग्रवाल, महामंत्री डा. दिशा दिनेश, प्रान्त अध्यक्ष डा. वागीश दिनकर ने किया। संघ गंगा के मंचन ने दर्शकों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सौ साल यात्रा से परिचित कराया। सीमित समय में संघ के प्रथम तीन सरसंघचालको का कार्य, उनका राष्ट्रीय नेतृत्व, नेतृत्व का हस्तांतरण, उससे जुड़ा इतिहास और जीवन चरित्र मंच पर जीवंत हुआ। संघ की स्थापना का संकल्प, प्रचार प्रसार, महात्मा गांधी व डॉ हेडगेवार की भेंट का प्रसंग अविस्मरणीय रहा। वंदे भारत का गगनभेदी उद्घोष भगवा ध्वज का संतुलित उपयोग और संघ घोष की लय का अद्भुत समन्वय देखने को मिला। सरदार वल्लभभाई पटेल और गुरु जी के मध्य संवाद, कश्मीर विलय, संघ पर प्रतिबंध के संवाद, भारत माता के रूप में सूत्रधारिका ने ठोस वाणी में सहजता से प्रस्तुत किया। गुरू का अखंडानंद के साथ उनका प्रवास, नागपुर लौटने पर डा. हेगडेवार भेंट और उनका अंतिम भाषण, सरसंघचालक पद का अत्यंत सादगी से गुरू जी को हस्तांतरण, ये सभी दृश्य दर्शकों को स्तब्ध कर देते हैं। नाटक निर्माण में रमण सेनाड निंदिया बाबगे, अरूण पुरोहित का योगदान रहा। मनीष एवं उसके साथियों ने हेडगेवार रमन रोनाल्ड गुरू जी और यशवंत चोपड़े, बालासाहेब देवरस का अभिनय किया। 

इस अवसर पर संस्कार भारती के क्षेत्र संगठन मंत्री विजय , प्रान्त संघचालक प्रेम चन्द्र  ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना समय से अद्यतन राष्ट्र साधना के सौ वर्ष की निरंतर सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने में संघ की अहम् भूमिका, योगदान पर अपने सारगर्भित विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में संस्कार भारती मेरठ महानगर ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का संचालन रचना जौहरी ने किया।

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