ईडी ने मारा हुड्डा के ठिकाने पर छापेमारी : बाइक बोट से फर्जी डिग्री तक
… घोटालों की परतें एक-एक कर उघड़ने लगीं
मेरठ। बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले से लेकर फर्जी डिग्री रैकेट जैसे मामलों में गिरफ्तार मोनार्थ (मोनाड) यूनिवर्सिटी के चेयरमैन और लोकदल पार्टी के अध्यक्ष विजेंद्र सिंह हुड्डा के कंकरखेड़ा स्थित 17, शिवलोकपुरी आवास पर गुरुवार देर रात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की।
ईडी की टीम रात करीब 1:30 बजे अचानक पहुंची। जिसके बाद इलाके में हलचल मच गई। कंकरखेड़ा पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों ने आवास को घेरकर सुरक्षा संभाल ली।
100 से ज्यादा केस, करोड़ों की ठगी का साम्राज्य
-- विजेंद्र सिंह हुड्डा पर धोखाधड़ी, जालसाजी, साजिश और साक्ष्य नष्ट करने जैसे आरोपों में 100 से अधिक मुकदमे चल रहे हैं। गाजियाबाद, दिल्ली और गौतमबुद्धनगर की अदालतों में उनके खिलाफ एक के बाद एक केस लंबित हैं। 2019 के कुख्यात बाइक बोट घोटाले में वे मुख्य आरोपियों में रहे हैं। इस घोटाले में देशभर के लाखों निवेशकों से हजारों करोड़ रुपये की ठगी हुई थी। आरोप है कि हुड्डा ने इस पैसे को फर्जी कंपनियों, ट्रस्ट और बेनामी संपत्तियों के जरिए खपाया तथा लॉन्डरिंग की। घोटाला उजागर होने पर वे देश छोड़कर लंदन भाग गए थे। 2022 में जमानत पर लौटे और इसके बाद मोनाड यूनिवर्सिटी के जरिए फिर विवादों में घिर गए।
फर्जी डिग्री रैकेट का मास्टरमाइंड
-- मई 2025 में एसटीएफ ने मोनाड यूनिवर्सिटी में छापा मारकर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया था। इसी मामले में विजेंद्र हुड्डा सहित 12 लोग गिरफ्तार हुए।इस समय हुड्डा जेल में बंद हैं। हाल ही में उन्हें जेल से भगाने की साजिश का मामला भी सामने आया, जिसमें दो पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी हुई थी।
शिक्षा 10वीं तक, संपत्ति 28 करोड़ की!
-- आरोपी हुड्डा की औपचारिक शिक्षा मात्र 10वीं कक्षा तक है। कहा जाता है कि शुरुआती दिनों में वे चीन में लैपटॉप–टैबलेट बेचने का काम करते थे। भारत लौटने के बाद उन्होंने न्यूज़ चैनल, स्टार्टअप और एनजीओ के नाम पर नेटवर्क तैयार किया। 2024 के लोकसभा शपथपत्र में हुड्डा ने 28 करोड़ की संपत्ति और 230 करोड़ की देनदारी दर्शाई, जबकि वार्षिक आय सिर्फ 15 लाख रुपये दर्ज कराई। इतनी कम आय के बावजूद उनकी विशाल संपत्ति ने एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं।
ताजा कार्रवाई से बढ़ी सरगर्मी
-- ईडी की ताजा छापेमारी को बाइक बोट घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के नए तारों को जोड़ने से जोड़कर देखा जा रहा है। टीम देर रात तक दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों की जांच में जुटी रही।आसपास के क्षेत्र में पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई है। स्थानीय लोगों में भी छापे को लेकर चर्चा तेज रही।कुल मिलाकर विजेंद्र सिंह हुड्डा पर शिक्षा, राजनीति, मीडिया और स्टार्टअप के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े के आरोप हैं।ईडी की यह छापेमारी उनके नेटवर्क और संपत्तियों की परतें उघाड़ने में बड़ी कड़ी मानी जा रही है।


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