रियल हीरोज ने संघर्षों से लिखी, दास्तान कामयाबी की

- टैड एक्स आईआईएमटी विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम

- सफलता प्राप्ति के लिए माता-पिता का आशीर्वाद सबसे अहमः कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता

मेरठ। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास, संघर्षों का सामना करने की हिम्मत और नयी सोच के साथ आगे बढ़ने का जज्बा होना आवश्यक है। टैड एक्स आईआईएमटी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता ने कहा की समाज को नयी दिशा दिखाने वाले रियल हीरोज के संघर्ष और सफलता की कहानियां सभी के सामने आना आवश्यक है जिससे लोग प्रेरित हों।

प्रतिभाशाली विचारकों, नवप्रवर्तकों, कलाकारों और परिवर्तनकर्ताओं को एक मंच पर लाने और उनके विचारों को साझा करने के उद्देश्य से टैड एक्स आईआईएमटी विश्वविद्यालय द्वारा भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता, कुलपति डॉ0 दीपा शर्मा द्वारा किया गया। 

कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता ने कहा, मुझे जीवन में मिली सफलता में माता-पिता का आर्शीवाद सबसे अहम रहा जिसने मेरे बढ़ते कदमों को रूकने नहीं दिया। परमपूज्य पिता जी के आकास्मिक निधन के बाद लगा की सब कुछ खत्म हो गया, माता जी की आंखों में भी आंसू आ गए। मगर माता सदैव दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहीं। माताजी की प्रेरणा से माल रोड पर कॉलेज खोला तो माताजी की आंखों में फिर से आंसू आ गए। मगर यह आंसू खुशी के थे जिन्होंने मुझे और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद मेरठ के गंगानगर में कॉलेज और उसके बाद विश्वविद्यालय की शुरूआत की, नोएडा में कॉलेज खोला। माता-पिता के सदकर्माें से प्रेरित होकर लोगों की विभिन्न प्रकार से सहायता करने का हरसंभव प्रयास किया। कोरोना काल की दोनों लहरों में मेरठ और नोएडा में कोरोना से पीड़ित लोगों को उनके घर पर ही निःशुल्क, सात्विक और शुद्ध भोजन उपलब्ध कराया। कोरोना के कारण अपने पिता या कमाने वाले अभिभावक को खोने वाले बच्चों को पूर्णतया निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। प्राप्त अनुभव से मैंने जाना है की यदि व्यक्ति अपने माता-पिता का आशीर्वाद साथ लेकर कोई भी कार्य करे सफलता निश्चित ही उनके कदम चूमेगी। सफलता प्राप्त करने के बाद असहाय और जरूरतमंदों की हरसंभव सहायता अवश्य करें।

कुलपति डॉ. दीपा शर्मा ने कहा कि यह आवश्यक है की हम विचारकों और दूरदर्शी लोगों के साथ मिलकर शिक्षा, नवाचार, स्थिरता और मानव क्षमता के भविष्य को आकार देने वाले अभूतपूर्व विचारों का अन्वेषण करें। उनसे प्रेरित हों और देश के विकास में योगदान दें।

अलका तोमर (अर्जुन अवार्डी और विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता) ने कहा, आज से 27 साल पहले लड़कियों का कुश्ती लड़ना बेहद मुश्किल था। न सुविधाएं थी और न ही गर्ल्स रेसलिंग की ओर किसी का ध्यान था। मगर परिवार के सहयोग और कोच जबर सिंह जी के विश्वास ने कदमों को रूकने नहीं दिया। 2003, 2005, 2009 और 2011 में क्रमशः राष्ट्रमंडल कुश्ती चौंपियनशिप में रजत और तीन स्वर्ण पदक, 2006 में गुआंगज़ौ में आयोजित विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक और 2006 में दोहा में आयोजित एशियाई खेलों में एक और कांस्य पदक जीता। शादी के बाद पति अनूप सिंह और ससुराल का सहयोग मिला तो कुश्ती एकेडमी शुरू की। आज एकेडमी के 08 रेसलर नेशनल लेवल पर खेल रहे हैं। मेरी लक्ष्य है की मेरी एकेडमी का रेसलर ओलंपिक में मेडल हासिल करे। 

सिद्धार्थ सागर (हास्य अभिनेता, लेखक और अभिनेता) ने कहा, मुझे बचपन से ही कॉमेडी करने का शौक था जिसे मैंने करियर बनाने की ठानी। मगर जिस तरह से मैं पर्दे पर खुश दिखता हूं, मेरा जीवन वैसा नहीं गुजरा। हार्टब्रेक होने के बाद मैं एडिक्शन का शिकार हो गया। नशे से डिप्रेशन हुआ तो डॉक्टर्स ने नियमित दवाएं लेने को कहा। मगर मैंने अपने जीवन का आध्यत्म से जोड़ा और बिना किसी दवा के एडिक्शन के जाल से बाहर निकल गया। आज मैं एडिक्शन के शिकार युवाओं और उनके परिवार की मदद करने का हरसंभव प्रयास करता हूं।

कार्यक्रम में मिरियम चांडी मेनाचेरी (फिल्म निर्देशक, निर्माता और कहानीकार), पीयूष शर्मा (संस्थापक और निर्माता, ट्रिकी मैन), निष्ठा मिश्रा (डिजिटल मार्केटिंग, मार्टेक), स्पर्श अग्रवाल (सह-संस्थापक और सीईओ, एपी मोबिलिटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) ने अपनी सफलता की कहानियां सुनाकर लोगों को प्रेरित किया।

यूपी पुलिस कांस्टेबल कपिल दिनकर द्वारा सुनाए गए गानों पर हर कोई झूमता हुआ नजर आया। वहीं आईआईएमटी विश्वविद्यालय के छात्राओं ने अलग-अलग राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। 

कार्यक्रम आयोजन में वैभव शर्मा, अक्षय राज, वत्सला तोमर, जेबा त्यागी तथा छात्र कैफ, प्रतीक, तनिष्का, मुकेश, सचिन, वंश और टेडएक्स आईआईएमटी विश्वविद्यालय की पूरी आयोजन टीम का सहयोग रहा।

कार्यक्रम में आए वक्ताओं का जीवन परिचयः-

मिरियम चांडी मेनाचेरी (फिल्म निर्देशक, निर्माता और कहानीकार)

मिरियम चांडी मेनाचेरी एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं, जिनकी वृत्तचित्र फ़िल्में लचीलेपन, साहस और सामाजिक परिवर्तन की अनकही कहानियों को उजागर करती हैं। अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित उनकी कृतियाँ पत्रकारिता और सिनेमा के बीच खूबसूरती से सेतु का काम करती हैं और साधारण में असाधारण को उजागर करती हैं। फिलामेंट पिक्चर्स की संस्थापक, उन्होंने कई समीक्षकों द्वारा प्रशंसित वृत्तचित्रों का निर्माण किया है जो अनसुनी आवाज़ों को उभारते हैं और फ़िल्मों के माध्यम से सार्थक संवाद को जन्म देते हैं।

 योगेश मोहनजी गुप्ता (कुलाधिपति, आईआईएमटी विश्वविद्यालय, मेरठ)

श्री योगेश मोहनजी गुप्ता आईआईएमटी विश्वविद्यालय, मेरठ के कुलाधिपति के रूप में कार्यरत हैं। आईआईएमटी विश्वविद्यालय 2016 में स्थापित एक निजी विश्वविद्यालय है, जो ओ पॉकेट, गंगा नगर, मेरठ, उत्तर प्रदेश में स्थित है। विश्वविद्यालय नैक द्वारा ए ग्रेड से मान्यता प्राप्त है और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की धारा 2(एफ) और 12बी के तहत मान्यता प्राप्त है। उनके नेतृत्व में, विश्वविद्यालय ने उच्च शैक्षणिक मानकों को बनाए रखते हुए विभिन्न विषयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में प्रगति की है।

अलका तोमर (ओलंपियन और विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता)

1 दिसंबर, 1983 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सिसोली गाँव में जन्मी अलका तोमर ने कुश्ती में अपना सफ़र ऐसे क्षेत्र से शुरू किया जहाँ यह खेल मुख्यतः पुरुषों का था। प्रसिद्ध कोच चंदगी राम के मार्गदर्शन में, उन्होंने 59 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में एक मज़बूत खिलाड़ी बनने के लिए बाधाओं को पार किया। उनके पुरस्कारों में 2006 में ग्वांगझू, चीन में आयोजित विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक (इस प्रतियोगिता में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला), 2006 में दोहा में आयोजित एशियाई खेलों में कांस्य पदक, 2010 में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक, राष्ट्रमंडल कुश्ती चौंपियनशिप (2005, 2009, 2011) में कई स्वर्ण पदक और एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप (2003, 2009, 2010) में कांस्य पदक शामिल हैं। अलका का सफ़र दृढ़ता और जुनून का प्रमाण है, जिसने अनगिनत युवा एथलीटों, खासकर महिलाओं को खेलों में अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया है।

पीयूष शर्मा (संस्थापक और निर्माता, ट्रिकी मैन)

ट्रिकी मैन के संस्थापक, पीयूष शर्मा, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के करियर से एक अग्रणी शैक्षिक सामग्री निर्माता बन गए हैं। उनका यू ट्यूब चैनल, ट्रिकी मैन, कोडिंग, डिजिटल टूल्स और करियर विकास पर व्यावहारिक ट्यूटोरियल प्रदान करता है, जिसका उद्देश्य सीखने को सुलभ और आकर्षक बनाना है। भारत के शीर्ष 25 शैक्षिक प्रभावशाली लोगों में से एक के रूप में पहचाने जाने वाले, पीयूष को आईआईआईटी दिल्ली, आईआईआईटी लखनऊ जैसे प्रमुख संस्थानों और माइक्रोसॉफ्ट और गूगल द्वारा आयोजित कॉर्पाेरेट कार्यक्रमों में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया है। उनका मिशन शैक्षणिक शिक्षा और वास्तविक दुनिया के कौशल के बीच की खाई को पाटना है, जिससे छात्रों को इंटर्नशिप, नौकरी और तकनीकी कौशल विकास में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में मदद मिलती है।

निष्ठा मिश्रा (डिजिटल मार्केटिंग, मार्टेक)

निष्ठा मिश्रा एक गतिशील उद्यमी और डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ हैं, जिन्हें ब्रांड विकास को बढ़ावा देने के लिए तकनीक का लाभ उठाने का जुनून है। फ़र्स्टशॉट टेक्नोलॉजीज़ की संस्थापक के रूप में, वह एआई और डेटा एनालिटिक्स की शक्ति का उपयोग करते हुए अभिनव मार्केटिंग समाधान तैयार करने में अग्रणी रही हैं। अभियान अनुकूलन और प्रभावशाली मार्केटिंग में उनके व्यापक अनुभव ने उन्हें विभिन्न उद्योगों में ग्राहकों के लिए असाधारण परिणाम देने में सक्षम बनाया है। निष्ठा मार्केटिंग इकोसिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि ब्रांड अपने आरओआई को प्रभावी ढंग से माप सकें। अपना खुद का एफएमसीजी ब्रांड लॉन्च करने की योजना के साथ, वह उद्योग में एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए तैयार हैं।

सिद्धार्थ सागर (हास्य अभिनेता, लेखक और अभिनेता)

सिद्धार्थ सागर ने अपने करियर की शुरुआत स्टैंड-अप कॉमेडी से की और तब से खुद को एक बहुमुखी कलाकार और लेखक के रूप में स्थापित किया है। उनके सेट आधुनिक जीवन पर मजाकिया टिप्पणियों के साथ रोज़मर्रा के किस्सों को जोड़ते हैं, जिससे उन्हें भारत भर के प्रमुख कॉमेडी क्लबों और समारोहों में शो मिले हैं। वह टेलीविजन और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर दिखाई दिए हैं और स्केच और लाइव इवेंट्स के लिए लेखन में योगदान दिया है, जिससे उन्होंने सटीक टाइमिंग और दर्शकों के साथ तालमेल के लिए प्रतिष्ठा बनाई है।

स्पर्श अग्रवाल (सह-संस्थापक और सीईओ, एपी मोबिलिटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड)

स्पर्श अग्रवाल एपी मोबिलिटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का नेतृत्व करते हैं और टिकाऊ शहरी गतिशीलता, ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट-सिटी परिवहन परियोजनाओं के लिए उत्पाद रणनीति और साझेदारियों को आगे बढ़ाते हैं। मोबिलिटी स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में टीमों के निर्माण के अनुभव के साथ, वे प्रभावशाली तकनीक अपनाने और पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं।


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