मुस्कान के माता पिता बेचेगे अपना मकान
घर पर लगाए बिकाऊ के पाेस्टर , भाई की नौकरी से आर्थिक तंगी जुझ रहा परिवार
मेरठ। शहर के चर्चित सौरभ हत्याकांड बाद मुस्कान के परिजनों पर आर्थिक तंगी आ गयी है। जिसके कारण उसके परिजन मकान बेचने का फैसला किया है।मुस्कान के पिता ने मकान के बाहर यह मकान बिकाऊ के पोस्टर लगा दिए है।
सौरभ हत्याकांड के बाद 8 महीने से मुस्कान और उसका बॉयफ्रेंड जेल में हैं। मुस्कान का मायका ब्रह्मपुरी के इंद्रानगर में है। 5 नवंबर को घर पर लिखा गया ‘मकान बिकाऊ है’।मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी यहां अपनी पत्नी कविता, बेटे और बेटी के साथ रहते हैं। वो इस घर को बेचने के बाद कहां शिफ्ट होंगे। इसके जवाब में वह कहते हैं-अब मेरठ में हम नहीं रहेंगे, ये शहर छोड़ देंगे। इसके साथ हमारी बुरी यादें जुड़ी हैं।
वो ये मकान क्यों बेच रहे हैं? इसका जवाब देने से उन्होंने मना कर दिया।सौरभ के परिवार से बातचीत में जो कुछ कारण बताएं।
3 मार्च को मुस्कान ने मेरे भाई सौरभ को मार डाला था। फिर वो हिमाचल और उत्तराखंड घूमने चली गई। 17 मार्च को ये लोग लौटे और फिर 18 मार्च को पुलिस ने इन्हें अरेस्ट करके जेल भेजा। मुझे बताया गया कि मुस्कान का भाई नोएडा में जॉब करता था। 20 मार्च को उसको जॉब से निकाल दिया गया।
मुस्कान के पिता की बाजार में सर्राफा की दुकान है। ठीक-ठाक व्यवसाय चल रहा था। उनके बिजनेस को भी इस कांड के बाद डेंट लगा। लोगों ने उन्हें बिजनेस देना बंद कर दिया। दुकान पर कस्टमर आने कम हो गए। बताया गया कि उन्होंने कई लोगों को उधार दिया था, जो लोगों ने चुकाए ही नहीं।
मुस्कान की छोटी बहन घर पर ही ट्यूशन पढ़ाती थी। इससे भी उन्हें ठीक-ठाक इनकम हो जाती थी। मगर सौरभ हत्याकांड के बाद लोगों ने इस परिवार के पास अपने बच्चों को पढ़ाने भेजना बंद कर दिया। इससे भी परिवार को ठेस पहुंची।
हाल में मुस्कान के पिता प्रमोद की रिश्तेदारी में शादी थी। परिवार के लोगों के नाम कार्ड पर लिखने के दौरान प्रमोद का नाम हटा दिया गया। रिश्तेदार ने उन्हें फंक्शन में भी आने से मना कर दिया। क्योंकि, इससे उनकी बदनामी हो रही थी।यहीं वो कारण है, जिनकी वजह से अब मुस्कान का परिवार मेरठ शहर को छोड़कर कहीं और बसने की प्लानिंग कर रहा है।
भाई बोले- जिस मकान को वो बेच रहे, वो सौरभ के पैसों से बना
राहुल उर्फ बबलू कहते हैं- मुस्कान का परिवार अब कहां मुंह छिपाएगा? जब उनकी बेटी ने ऐसा काम किया है। अब वो लोग कहां जाएंगे। जो हुआ है, उसका खामियाजा तो उनको भुगतना ही पड़ेगा। मुस्कान के पिता का मकान उनका नहीं है। ये मकान मुस्कान के परिजनों के पैसों से नहीं बना है, बल्कि ये मकान तो सौरभ के पैसों से बना हुआ है।
सौरभ लंदन से मुस्कान के घर पर जो पैसे भेजता था, उससे ही मुस्कान के घरवालों ने ये मकान बनाया है। बबलू का आरोप है कि सौरभ लंदन में अच्छी जॉब में था। वहां से लाखों रुपए की सैलरी लेता था। उसने आज तक हमें एक पैसा नहीं दिया। अपना सारा पैसा वो मुस्कान के परिवार को देता था। उसी पैसे से मुस्कान के परिजनों का ये घर बना है।
वहीं सौरभ की मां रेणू देवी का कहना है- मुस्कान ने जो किया वो किसी से छिप नहीं रहा है। मुस्कान के परिवार को ये सारी बातें पहले से पता थीं, लेकिन उन्होंने हमसे कभी कुछ नहीं बताया।
मुस्कान ने बॉयफ्रेंड साहिल के साथ मिलकर पति सौरभ की हत्या कर दी थी। खाने में नींद की दवा मिलाने के बाद जब सौरभ सो गया, तब उसके सीने में चाकू घोंप दिया था। फिर साहिल ने लाश को 4 टुकड़ों में काटकर एक नीले ड्रम में सीमेंट के घोल से जमा दिया था। हत्या कर लाश को प्लास्टिक के नीले ड्रम में सीमेंट के घोल में डाल दिया था।इसके बाद साहिल और मुस्कान हिमाचल और उत्तराखंड में घूमने चले गए। 17 मार्च को वह लोग मेरठ वापस लौटकर आए थे। 18 मार्च को प्रमोद रस्तोगी अपनी बेटी को लेकर थाने गए और सौरभ की लाश उसके घर से बरामद कराई गई। 19 मार्च से मुस्कान और साहिल दोनों मेरठ की जिला जेल में बंद हैं। मुकदमे की सुनवाई जिला जज की कोर्ट में चल रही है।


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