विपिन को हटा कर कर्मवीर को सपा जिलाध्यक्ष की सौंपी कमान
गुर्जर समुदाय को साधने के लिए चला दांव, 2027 का चुनाव जीतना है लक्ष्य
मेरठ । 2027 होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सपा ने अभी से रणनीति बनाना आरंभ कर दिया है । मेरठ में सपा के जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी को हटाकर गुर्जर समाज पर दांव लगातें मेरठ की कमान कर्मवीर को सौंपी है। यह कदम गुर्जर समुदाय को साधने की पार्टी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। उनकी नियुक्ति सम्राट मिहिर भोज विवाद के बाद हुई है, जिसमें गुर्जर और राजपूत समुदाय आमने-सामने आ गए थे।
पार्टी का मानना है कि इस नियुक्ति से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुर्जर समुदाय के बीच उसकी पकड़ मजबूत होगी। समाजवादी पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में गुर्जर मतदाताओं का समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रही है।कर्मवीर सिंह का समाजवादी पार्टी से जुड़ाव 1992 से है। उन्होंने पार्टी के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। हालांकि, वे 2005 से 2009 तक बहुजन समाजवादी पार्टी से भी जुड़े रहे थे, जिसके बाद वे पुनः सपा में लौट आए।पार्टी गुर्जर समुदाय को अपने पक्ष में लाने के लिए 'गुर्जर चौपालों' का आयोजन भी कर रही है। इन चौपालों के माध्यम से समुदाय के लोगों से सीधा संवाद स्थापित किया जा रहा है। सपा का 'पीडीए' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) अभियान भी इसी रणनीति का हिस्सा है।उत्तर प्रदेश की कुल आबादी में गुर्जर समुदाय का योगदान लगभग 3.5 प्रतिशत है, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनकी अच्छी-खासी संख्या है। समाजवादी पार्टी इस समुदाय का समर्थन हासिल कर भाजपा के जाट मतदाताओं पर बढ़ते प्रभाव को रोकने का लक्ष्य रख रही है।इससे पहले, मेरठ जिले का नेतृत्व विपिन चौधरी कर रहे थे, जो जाट समुदाय से थे। कर्मवीर सिंह ने अपनी प्राथमिकता पार्टी का विस्तार करने और 2027 में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने को बताया है। कर्मवीर के बुधवार को मेरठ पहुंचने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
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