10  साल बाद सेंट्रल मार्केट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला

 इससे अच्छा तो हमें भी इसके नीचे दबा दो... मेरठ में बुलडोजर चलने से व्यापारियों ने रोते हुए भारी मन से बहुत कुछ कहा

 मेरठ। आखिरकार शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए आवास विकास ने शहर के चर्चित सेंट्रल मार्केट में शनिवार सुबह बुलडोजर की कार्रवाई कड़ी सुरक्षा के बीच कर दी। ध्वस्तीकरण की पूरी कार्रवाई ड्रोन की निगरानी की गयी। पूरे क्षेत्र की नाकेबंदी करा दी गयी। आवास विकास से एनओसी मिलने के बाद कार्रवाई की गयी। 

शनिवार सुबह साढ़े 11 बजे प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, तो आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। भीड़ को देखते हुए पुलिस ने पूरे इलाके में बैरिकेडिंग कर दी। सुरक्षा के लिए कई थानों की फोर्स और पीएसी को तैनात किया गया । ATS के ड्रोन से हर गतिविधि पर नजर रखी गयी। कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई। कॉम्प्लेक्स 288 वर्गमीटर में बना है। यह जमीन काजीपुर के वीर सिंह को आवास के लिए आवंटित हुई थी। हालांकि, 1990 में विनोद अरोड़ा नामक व्यक्ति ने पावर ऑफ अटॉर्नी का इस्तेमाल कर यहां अवैध रूप से कॉम्प्लेक्स बनवा लिया।इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने 17 दिसंबर, 2024 को आदेश दिया था कि इस कॉम्प्लेक्स को 3 महीने के भीतर खाली कराया जाए और आवास विकास परिषद के तहत ध्वस्त किया जाए।सेंट्रल मार्केट की यह जमीन आवासीय कॉलोनी के लिए थी, लेकिन यहां पर एक कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बना दिया गया। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा, जहां कॉम्प्लेक्स के मालिक केस हार गए। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट गया, जहां से उन्हें कुछ समय के लिए स्टे मिल गया था. हालांकि, दिसंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्माण को पूरी तरह से अवैध करार देते हुए इसे तीन महीने के अंदर ध्वस्त करने का आदेश दिया। व्यापारियों ने राहत के लिए सरकार और स्थानीय नेताओं से गुहार लगाई, लेकिन करीब 10 महीने बाद आखिरकार 25 अक्टूबर 2025 को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई। 



काम्पलेक्स तोड़ने की कार्रवाई को शुरू हुए लगभग 3:30 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं। काम्पलेक्स के फ्रंट एरिया से कार्रवाई शुरू होकर बराबर की गली से पिछले हिस्से में पहुंच गई थी। वहां ग्राउंड फ्लोर पर दुकान बनी थी। ध्वस्तीकरण कार्रवाई में जुटी टीम ने इसी हिस्से को पहले डिमॉलिश करने का काम किया। कार्रवाई जैसे-जैसे आगे बढ़ी वैसे -वैसे कारोबारियों का सब्र भी जवाब देने लगा । वह अपनी आंखों के सामने अपने प्रतिष्ठान को टूटता नहीं देख पा थे। इसी के चलते कुछ दुकानदारों व उनके परिवार के लोगों ने कार्रवाई को रोकने का प्रयास किया। इन लोगों का कहना था कि काम्पलेक्स टूट चुका है। अब कार्रवाई को रोक देना चाहिए। कुछ महिलाओं ने हंगामा भी किया, जिसके बाद महिला पुलिस वहां पहुंच गई और उन्हें वहां से हटा दिया।



25-30 साल पुरानी दुकानों को टूटता देखने से पहले व्यापारी और उनके परिवार वाले रोते-बिलखते नजर आए। उन्होंने अधिकारियों से गुहार लगाई कि 'चाहे हमसे पेनल्टी ले लो, लेकिन हमारी रोजी-रोटी पर बुलडोजर मत चलाओ। इससे अच्छा तो हमें भी इसके नीचे दबा दो.' उक्त कार्रवाई कोर्ट के आदेश के बाद हुई ।  शास्त्री नगर स्थित इस कॉम्प्लेक्स पर आवासीय योजना की जमीन पर अवैध रूप से निर्माण करने का आरोप है।

 बुलडोजर कार्रवाई से एक रात पहले ही व्यापारियों ने भारी मन से अपनी दुकानों से सामान निकालना शुरू कर दिया था। इस कॉम्प्लेक्स में लगभग 22  दुकानें हैं। कुछ दुकानदार 1990 से यहां काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने ये दुकानें बिल्डर से खरीदी थीं और वे नियमित रूप से कमर्शियल बिजली का बिल और जीएसटी भी भर रहे थे। आवास विकास परिषद ने पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में शनिवार सुबह ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। विभाग ने एक दिन पहले ही लाउडस्पीकर के जरिए मुनादी करा दी थी, जिसके बाद से ही बाजार में अफरातफरी का माहौल था। 

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