पूर्व आईपीएस ने जिला कारागार में भ्रष्टचार के लगाए गंभीर आरोप
डीजी जेल को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की
मेरठ । मेरठी की जिला कारागार एक बार फिर सुर्खियों में है। पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने मेरठ जेल में बड़े भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस संबंध में डीजी जेल और प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
अमिताभ ठाकुर ने अपने पत्र में बताया कि उन्हें हाल ही में एक मोबाइल कॉल आया था। फोन करने वाले ने खुद को मेरठ जेल में बंद एक कैदी बताया और जेल प्रशासन पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। कैदी के अनुसार, जेल के कुछ अधिकारी और जेल अधीक्षक कैंटीन टेंडर में प्रतिदिन 1.1 लाख रुपये की अवैध सौदेबाजी करते हैं। साथ ही, जेल के भीतर निषिद्ध सामान की बिक्री भी खुलेआम होती है।
आरोपों में यह भी कहा गया है कि जेल में मुलाकात पर्चियों में भारी अनियमितता बरती जाती है। विचाराधीन कैदियों से काम न करवाने के बदले 'वीआईपी पर्ची' बनाई जाती है, जिसके लिए पचास हजार से लेकर दस लाख रुपये तक की वसूली की जाती है। कुछ जेल कर्मियों को जेल अधीक्षक का करीबी बताकर नियमों के विरुद्ध लगातार मलाईदार पदों पर रखा गया है।
अमिताभ ठाकुर ने अपने लखनऊ जेल के अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि ये आरोप विश्वसनीय प्रतीत होते हैं और जेल में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच और जेल के भीतर मोबाइल फोन के उपयोग पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मेरठ जेल से आया यह फोन कॉल न केवल जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जेल के भीतर भ्रष्टाचार का नेटवर्क किस हद तक फैला हुआ है। अब देखना यह होगा कि शासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है।
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