सुभारती विवि में शैक्षणिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम

 मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विवि में हाल ही में कई महत्वपूर्ण शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसने परिसर को अकादमिक ऊर्जा और रचनात्मक उत्साह से भर दिया। इन कार्यक्रमों में चिकित्सा अनुसंधान में मिली बड़ी सफलता से लेकर बौद्धिक संपदा अधिकार, डिजिटल वर्कफोर्स और कला-संस्कृति पर केंद्रित सत्र शामिल रहे।

सुभारती मेडिकल कॉलेज ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से वर्ष 2025 के लिए 11 प्रतिष्ठित अनुसंधान अनुदान प्राप्त कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इनमें 6 अंडरग्रेजुएट (यू.जी) एस टी एस अनुदान और 5 पोस्टग्रेजुएट (एमडी/एमएस) थीसिस सपोर्ट अनुदान शामिल हैं। यह सफलता भारत सरकार की 'स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए मानव संसाधन विकास योजना' के तहत मिली है। कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार शर्मा और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) एम.के. मित्तल ने इस उपलब्धि के लिए छात्रों और मार्गदर्शक शिक्षकों को बधाई दी और उनके शोध के प्रति समर्पण की सराहना की।

बौद्धिक संपदा अधिकारों पर विशेषज्ञ व्याख्यान

विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा “बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर और पेटेंट विचार)” विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. निशा राणा (विशेषज्ञ – बौद्धिक संपदा अधिकार एवं नवाचार प्रबंधन) ने पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का शुभारंभ शिक्षा संकाय के डीन लेफ्टिनेंट प्रोफेसर डॉ. संदीप कुमार ने किया। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. मंजू अधिकारी ने बताया कि इसका उद्देश्य शोधार्थियों को अपने नवाचारों को कानूनी संरक्षण देने के लिए जागरूक करना था। कार्यक्रम के अंत में डॉ. दीपक राघव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

डिजिटल वर्कफोर्स तैयार करने पर विशेषज्ञ वार्ता

इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय तथा आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में “सैप यूनिवर्सिटी एलाएंसेसः बिल्डिंग टूमौरौ’ज़ डीजिटल वर्कफोर्स” विषय पर एक विशेषज्ञ वार्ता आयोजित की गई। मुख्य वक्ता श्री राहुल सचदेव (सैप यूनिवर्सिटी एलाएंसेस) ने डिजिटल कार्यबल की बढ़ती मांग और सैप इकोसिस्टम के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के सफल आयोजन में आईक्यूएसी प्रमुख डॉ. कपिल कुमार, इंजीनियरिंग संकाय के डीन डॉ. मनोज कपिल, और टीम इंचार्ज डॉ. श्रवण गर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आयोजन में डॉ. अरुणा बंसल, डॉ. तरुण कुमार, डॉ. अशिमा एवं इंजी. रितु शर्मा ने भी सक्रिय योगदान दिया।

विकसित भारत के संगः कला के रंग, मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन

विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक समिति के अंतर्गत शिक्षा विभाग एवं शारीरिक शिक्षा विभाग ने “विकसित भारत के संगः कला के रंग” थीम पर एक मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें 75 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में निर्णायक के रूप में फैशन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नेहा सिंह, डॉ. निशा सिंह एवं डॉ. सरिका उपस्थित रहीं। शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. इंद्रा सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कु. आंचल और रेनू (ललित कला संकाय), द्वितीय स्थान अर्पिता (विधि संकाय) एवं ईरम (ललित कला संकाय), तथा तृतीय स्थान वंशिका (विधि संकाय) एवं कृतिका और एकता आर्य (ललित कला संकाय) ने प्राप्त किया। शिक्षा संकाय के डीन प्रोफेसर संदीप कुमार ने विजेताओं को बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मंजू अधिकारी एवं डॉ. रेशु रानी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मंजू अधिकारी द्वारा प्रस्तुत किया गया।

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