समुद्र में अटकी नाव को चक्रवात 'मोंथा' ने पहुंचाया तट पर

 कई टन मछली के साथ 10 मछुआरे सुरक्षित हुए लैंड

ओडिशा,एजेंसी।  सामुद्रिक तूफान 'मोंथा' का असर तटीय इलाकों में भी सबसे ज्यादा दिखा। बुधवार को एक मछली पकड़ने वाली ट्रॉलर तेज लहरों की चपेट में आकर बालिहरचंडी समुद्र तट किनारे आ लगी। राहत की बात यह रही कि ट्रॉलर में मौजूद सभी 10 मछुआरे सुरक्षित बच गए हैं।

जानकारी के मुताबिक, यह ट्रॉलर विशाखापट्टनम की है और करीब 10 दिन पहले समुद्र में मछली पकड़ने के लिए निकली थी। 25 तारीख को जब तूफान की चेतावनी मिली, तो मछुआरों ने बीच समंदर में एंकर डालकर समुद्र शांत होने का इंतज़ार करने का फैसला किया था। लेकिन मंगलवार रात अचानक ट्रॉलर में तकनीकी खराबी आ गई। उसी दौरान समुद्र में तेज लहरें और ज्वार बढ़ गया, जिससे एंकर की रस्सी टूट गई।

ट्रॉलर बहकर किनारे आ गई

मछुआरों ने पास में मौजूद एक दूसरी ट्रॉलर से मदद लेने की कोशिश की, लेकिन तेज़ ज्वार और लहरों के कारण ट्रॉलर बहकर किनारे की तरफ आ गई। बुधवार सुबह जब ट्रॉलर किनारे दिखी, तो उसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग तट पर पहुंच गए। ट्रॉलर मालिक को खबर मिलते ही वह भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि ट्रॉलर में कई टन मछली थी। सारी मछली को स्थानीय लोगों की मदद से ट्रैक्टर के जरिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

नाव का इंजन हो गया था खराब 

नाव के मालिक नरसिंह राव ने कहा, "दरअसल हम विशाखापत्तनम से हैं। 25 तारीख से इन लोगों के नाव का इंजन खराब हो गया था और इन्होंने अपने नाव के एंकर को समंदर में डाल रखा था, पर समंदर की तेज लहरों के बीच एंकर नाव को रोक नहीं पाया और समंदर की लहरों में बहते-बहते नाव के साथ 10 मछुआरे अभी पुरी के तट पर पहुंचे हैं। इस दौरान हमें 6000 लीटर डीजल का नुकसान हुआ। महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब हो गए। अब हमें 10 दिन यहां रहना होगा। हमने मैकेनिक को बुलाया है और मैकेनिक के आने के बाद ही हम नाव को लेकर विशाखापत्तनम जा पाएंगे।"

समुद्र में अभी भी 'मोंथा' तूफान का असर जारी है। प्रशासन ने मछुआरों से अपील की है कि जब तक मौसम पूरी तरह सामान्य न हो जाए, समुद्र में न जाएं।

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