“कृषि विश्वविद्यालय की किसानों के द्वार” प्रदेश में प्रथम व अनूठी पहल

 कुलपति ने बस को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना 

 मेरठ।  प्रदेश की राज्यपाल एवं सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय,  कुलाधिपति आनन्दीबेन पटेल  से प्राप्त दिशानिर्देशों के क्रम में विश्वविद्यालय द्वारा “कृषि विश्वविद्यालय : किसानों के द्वार” नामक योजना के अंतर्गत एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रदेश में किसानों तक विश्वविद्यालय द्वारा वैज्ञानिक तकनीकों एवं उपयोगी जानकारी पहुँचाने की दिशा में एक प्रथम व अनूठी पहल है।

कार्यक्रम का आयोजन 10, 13 एवं 17 अक्टूबर 2025 को जनपद मेरठ के दौराला एवं सुरानी अलीपुर , मामेपुर, ललसाना, मीठेपुर, वलीदपुर, दशरथपुर एवं लोइया ग्रामों में किया जा रहा है।प्रथम दिन इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के कुल 21 वैज्ञानिकों  एवं 21 छात्रों द्वारा सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम के तीन दलों का नेतृत्व डा. लालबहादुर सिंह, डा. रामचन्द्र एवं डा. शिशुपाल सिंह द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय, जैव प्रौद्योगिकी, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, पशुचिकित्सा एवं तकनीकी तथा गन्ना महाविद्यालय के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की सहभागिता रहेगी, जो किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, जैविक खेती, फसल विविधीकरण, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण एवं जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियों की जानकारी प्रदान करेंगे।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कुलपति डा. के. के. सिंह  द्वारा 10 अक्टूबर 2025 को प्रातः 10:30 बजे विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन से हरी झंडी दिखाकर विश्वविद्यालय बस को रवाना कर किया गया।प्रथम दिन वैज्ञानिकों व छात्रों का विशेषज्ञ दल गॉव दौराला, अलीपुर व सुरानी पहुंच कर ग्राम प्रधान के माध्यम से गॉव के किसानो, महिलाओं व स्कूली बच्चों को कृषकोपयोगी समस्त तकनीकी जानकारी, कृषि योजनायें, कृषि उपज का न्युनतम समर्थन मूल्य, नवीन कृषि नीति, जीएसटी की नयी दरें, महिला स्वास्थ्य, महिलाओ की कृषि मे भूमिका व कृषि शिक्षा की विस्तृत जानकारी दी। गॉव मे इस कार्यक्रम के प्रति विशेष उत्साह देखा गया व कृषको द्वारा बढ चढ कर इस कार्यक्रम मे प्रतिभाग करते हुये लाभान्वित हुये।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों एवं महिलाओं को कृषि उपयोगी जानकारियाँ, महिला सशक्तिकरण, जनस्वास्थ्य, तथा प्रदेश एवं भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं के प्रति जागरूक करना है।

कार्यक्रम की रूपरेखा कुलसचिव डा. रामजी सिंह द्वारा तैयार की गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन को विश्वास है कि यह पहल किसानों के जीवन स्तर को सुधारने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने तथा ग्रामीण विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

आगामी 13 व 17 अक्टूबर को यही कार्यक्रम शेष छ गॉवों मे आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम की सफलता को देखते हुये कुलपति डा के के सिंह द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यह कार्यक्रम रबी व खरीफ प्रत्येक मौसम मे कम से कम दो दो बार आयोजित किये जायेंगे ताकि प्रत्येक फसल की शुरूआत व फसल की बीच की अवस्था मे किसानो को तकनीकी जानकारी उनके द्वार पर ही उपलब्ध कराई जा सके

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