भारत के पहले सुपरसोनिक जेट को दी गई आखिरी विदाई

 एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने उड़ाया मिग-21
चंडीगढ़ (एजेंसी)।कई वर्षों तक भारतीय वायुसेना का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान रहा मिग-21 आज यानी 26 सितंबर को रिटायर हो गया है। चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में मिग-21 को अंतिम विदाई दी गई। यह भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था, जिसने 1965, 1971 और 1999 के युद्ध में पाकिस्तानियों के दिल दहलाए। अपने आखिरी दौर में भी इस फ्लाइंग मशीन ने पाकिस्तान की शान एफ-16 लड़ाकू विमान का शिकार किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय वायु सेना के मिग-21 लड़ाकू विमान बेड़े के सेवामुक्त होने के समारोह में शामिल हुए। सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सीओएएस जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सीएनएस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज मैं सबसे पहले भारतीय वायुसेना के वीरों को नमन करता हूं। आजादी से लेकर अब तक आप सबने भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिस शौर्य पराक्रम का परिचय दिया है वह अपने आप में सभी भारतीयवासियों के लिए प्रेरणादायी है।
उन्होंने कहा कि आपकी वीरता की यह जो यात्रा रही है इसके पीछ मैं समझता हूं कि मिग-21 का बहुत बड़ा योगदान रहा है....आज जब हम मिग-21 को इसकी ऑपरेशनल जर्नी से विदाई दे रहे हैं तो मुझे लगता है हम एक ऐसे अध्याय को विदा करने जा रहे हैं जो न केवल भारतीय वायुसेना के इतिहास में बल्कि हमारी सैन्य टीमकी जर्नी में गोल्डन लेटर से लिखा जाएगा।
मिग-21 लड़ाकू विमान बेड़े को सेवामुक्त करने से पहले, विंग कमांडर राजीव बत्तीश (सेवानिवृत्त) ने कहा कि मिग-21 की एक बहुत लंबी कहानी है और यहां इतने सारे लोगों का इकट्ठा होना इस बात का प्रमाण है कि हम सभी इस विमान से जुड़े हुए हैं। जहां तक भारत का संबंध है, लड़ाकू विमान पर उड़ाए गए विमानों की अधिकतम संख्या मिग-21 है। बहुत शक्तिशाली विमान जिसे ज्यादातर पूर्वी ब्लॉक के देशों ने इसे उड़ाया है।
भारतीय वायुसेना के मिग-21 लड़ाकू विमान सेवामुक्त होने से पहले आखिरी बार उड़ान भरी। मिग-21 विमानों को 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। 63 साल की सेवा के बाद आज इन लड़ाकू विमानों को सेवामुक्त किया गया।

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