अयोध्या में 'रावण दहन' प्रशासन ने लगाई रोक

 'अति संवेदनशील' स्थल का दिया हवाला

अयोध्या। अयोध्या के सरयू तट स्थित रामकथा पार्क में चल रही हाई-प्रोफाइल फिल्मी रामलीला में जिला प्रशासन ने रावण पुतला दहन कार्यक्रम पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने इस संवेदनशील स्थल पर गैर-परम्परागत आयोजन की अनुमति नहीं दी है।

अपर जिलाधिकारी (एडीएम) नगर योगानंद पाण्डेय ने बयान जारी कर बताया कि 2 अक्टूबर को होने वाले रावण पुतला दहन कार्यक्रम को जिला प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी गई है। रेजिडेंट मजिस्ट्रेट अरविंद कुमार की जांच आख्या में कहा गया कि रामकथा पार्क जैसे अति संवेदनशील स्थल पर 240 फीट ऊंचे रावण के पुतले को दहन की अनुमति नहीं प्रदान की जा सकती।

गैर-परम्परागत आयोजन और पूर्व अनुमति का अभाव

 एडीएम पाण्डेय ने स्पष्ट किया कि आयोजकों ने रावण दहन कार्यक्रम के लिए पूर्व अनुमति नहीं ली थी, और यह आयोजन अयोध्या की परम्परा के विपरीत (गैर-परम्परागत) था। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन रामकथा पार्क में कोई नई परम्परा शुरू नहीं कर सकता।

गौरतलब है कि इस फिल्मी रामलीला का मंचन 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चल रहा है। इस कार्यक्रम में गोरखपुर सांसद रवि किशन, मनोज तिवारी, अवतार गिल, राकेश बेदी, बिंदु दारा सिंह जैसे कलाकार भाग ले रहे हैं।

संतों का विरोध और पुतले की नई तकनीक

 यह रामलीला पहले से ही अयोध्या के संतों, महंतों और धर्माचार्यों के विरोध का सामना कर रही थी। विवादित 240 फीट ऊंचे रावण के पुतले को बनाने वाले आयोजकों ने दावा किया था कि दहन के समय रावण का मुंह रोता नजर आता और आंखों से आंसू निकलते दिखाई देते—जो इसकी गैर-परम्परागत तकनीक को दर्शाता था।

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