राष्ट्र निर्माण की बड़ी पहल है मंडल कमीशन की सिफारिशें: डॉ  सतीश प्रकाश


 मेरठ काॅलेज में बिदेंश्ररी प्रसाद मंडल पर व्याख्यान का आयोजन 

 मेरठ।  किसी भी राष्ट्र का निमार्ण तब तक सम्भव नहीं है जब तक उसके सभी वर्गों को देश के संसाधनों पर उचित हक़ न मिले। मंडल कमीशन ने भारत की सबसे बड़ी आबादी को शासन प्रशासन में भगीदारी का अवसर देता है। और देश को समावेशी राष्ट्र की ओर ले जाता है। इस रूप में मंडल आयोग राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी पहल कही जा सकती है। उक्त विचार डॉ सतीश प्रकाश ने मेरठ कॉलेज में मंडल जयंती पर बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए व्यक्त किया।
    बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की जयंती (25 अगस्त) के अवसर दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा 'पिछड़ा वर्ग आरक्षण: उपलब्धियां एवम सीमाएं'  विषय पर  व्याख्यान मेरठ कॉलेज के रामकुमार गुप्ता सभागार में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन बी. पी. मंडल के चित्र पर कॉलेज के कॉलेज के पदाधिकरियों द्वारा पुष्पार्जन से हुआ। कॉलेज की अधिष्ठाता प्रो सीमा पंवार, प्रॉक्टर डॉ अनिल राठी और मुख्य वक्ता डॉ सतीश प्रकाश को माला पहनाकर व अंगवस्त्र के साथ सम्मान किया गया।
   स्वागत भाषण व विषय प्रवर्तन दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ हितेश सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि आरक्षण प्रतिनिधित्व की आवधारणा है, दुनिया भर में आरक्षण का आधार वही होता है जिस आधार पर समाज का बंटवारा होता है। भारत मे समाज का विभाजन जातीय आधार पर है इसलिए जातीय आधार पर ही प्रतोनिधित्व दिया जाना उचित है।  अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग सदैव  बी पी मंडल , प्रधामनंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह और अर्जुन सिंह का ऋणी रहेगा ।
प्रॉक्टर डॉ अनिल राठी ने कहा कि आरक्षण भारत की सामाजिक व्यवस्था के विभेद से उपजे वंचना को दूर करने की पहल है।
अधिष्ठता प्रो सीमा पंवार ने कहा कि वर्ण व्यवस्था कर्म आधारित थी परंतु इस व्यवस्था के विधेषधिकर प्राप्त वर्ग ने जब इसे अपने पाल्यो के लिए संरक्षित करने के प्रलोभन में जन्मधारित बना दिया तब उसमें दूषण और शोषण शुरू हो गया।आरक्षण इसी से उपजे विभेद को मिटाने की एक युक्ति है।
डॉ कौशल प्रताप सिंह ने कहा कि  सम्विधान सभी के लिए सभी प्रकार के न्याय का उद्देश्य रखता है परंतु बिना आर्थिक विषमता कम किये सामाजिक न्याय स्थापित नहीं हो सकता।
मुख्य वक्ता डर सतीश प्रकाश ने कहा कि यदि समस्या सामाजिक को तो उसका समाधान भी उसी स्तर पर होना चाहिए। सामाजिक समस्यायों पर चर्चा किये बिना उनके दूर करने का लक्ष्य दिवस्प्सन ही है। कारण को समाप्त किये बिना निवारण सम्भव नहीं है। आप यह कल्पना नहीं कर सकते कि सामाजिक विभेद बना रहे और आरक्षण खत्म कर दिया जाय।आरक्षण का इतिहास भारत की आजादी के पूर्व से ही है। शाहू जी महाराज ने कोल्हापुर में गैर ब्राह्मण जातियों को आरक्षण दिया था। हमे आरक्षित वर्गों का मज़ाक उड़ाना बंद करना होगा।  लोग मुंगेरीलाल कमीशन का मज़क उड़ाते रहे पर आज आरक्षित वर्ग राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे रहा है। पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए डॉ अंबेडकर के योगदान अविस्मरणीय रहे हैं। जरूरत है कि आरक्षण से पद प्राप्त लोग अपने सामाजिक सम्बन्धियो के बीच जाए जिससे कि उस समूह में आत्मविश्वास का संचार हो। यही आरक्षण का उद्देश्य भी है।
   धन्यवाद ज्ञान कॉमर्स के डॉ विनय कुमार ने किया। और अंत मे आह्वान किया गया कि ऐसे सामाजिक विषयों पर अकादमिक चर्चा होती रहनी चाहिए
इस अवसर पर प्रो वीरेंद्र सिंह, प्रो योगेश सिंह,प्रो हरजिंदर ,डॉ अर्चना सिंह, प्रो अमृत लाल, प्रो पंजाब सिंह,डॉ दिनेश कुमार, रमेश यादव, डॉ दीपक वर्मा, विक्रांत, प्रो रिजवान , डॉ अशोक  शर्मा, डॉ सीमा रानी,  प्रो रूबी यादव, प्रो अनुराग जायसवाल, प्रो चंद्रशेखर , प्रो एन पी सिंह, प्रो अवधेश कुमार, सरिता नायक, वैशाली पटेल,मेघा शर्मा, डॉ अरुण भारती सहित दर्जनों शोध छात्र उपस्थित रहे।

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