यादव-मुस्लिम को लेकर जारी हुआ विवादास्पद पत्र
भड़के योगी, अधिकारी निलंबित, आदेश रद्द
बलिया/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले से सामने आया एक विवादास्पद सरकारी पत्र जाति और धर्म के नाम पर प्रशासनिक कार्रवाई के आरोपों का केंद्र बन गया है। 2 अगस्त 2025 को ज़िला पंचायत राज अधिकारी द्वारा जारी एक पत्र में स्पष्ट रूप से यादव और मुस्लिम समुदायों के लोगों द्वारा कथित रूप से ग्राम सभा की भूमि पर किए गए अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे। जैसे ही यह पत्र सार्वजनिक हुआ, राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीव्र प्रतिक्रिया शुरू हो गई।
पत्र में लिखा गया था—“जाति विशेष (यादव), धर्म विशेष (मुस्लिम) के द्वारा अवैध कब्जों से ग्राम सभा की ज़मीनों…को मुक्त कराने हेतु अभियान चलाने के संबंध में…”। यह कथन सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के दावों पर सवाल खड़ा करता है, क्योंकि इसमें सीधे तौर पर दो समुदायों को निशाना बनाया गया था। देखें पत्र-
इस मामले पर त्वरित संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने आदेश को “पूर्णतः भेदभावपूर्ण और अस्वीकार्य” बताते हुए तत्काल प्रभाव से रद्द करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इसे एक गंभीर प्रशासनिक चूक मानते हुए संयुक्त निदेशक एसएन सिंह को तत्काल निलंबित करने का आदेश भी जारी किया।
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि इस प्रकार की भाषा और सोच न केवल शासन की नीतियों के विरुद्ध है, बल्कि समाज में विभाजन पैदा करने वाली है, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। योगी ने कहा कि अवैध कब्जों के खिलाफ कार्यवाही पूरी निष्पक्षता, तथ्यों और कानून के अनुसार होनी चाहिए, न कि जाति या धर्म के आधार पर। उन्होंने अधिकारियों को इस प्रकार की गलती की पुनरावृत्ति नहीं होने देने की चेतावनी भी दी है।
उन्होने स्पष्ट किया है कि सरकार समरसता, सामाजिक न्याय और सबके समान अधिकारों के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार की नीतियां किसी व्यक्ति, समुदाय या वर्ग के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित नहीं हो सकतीं। हमारी प्रतिबद्धता संविधान और न्याय की मूल भावना के प्रति है।
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