रैपिड रेल के साउथ स्टेशन पर फंसी लिफ्ट

सवा घंटे तक फंसे रहे 22 यात्री, दो की हालत बिगड़ी

मेरठ।  रविवार को रैपिड रेल के 'साउथ स्टेशन' पर बनी लिफ्ट अचानक खराब हो गई। लिफ्ट करीब सवा घंटे तक हवा में झूलती रही। इसकी वजह से लिफ्ट के अंदर 22 यात्री फंसे रहे। यात्रियों की सांसें अटक गईं और उनकी हालत बिगड़ने लगी। किसी तरह इंजीनियर्स की टीम ने लिफ्ट को ठीक किया और दरवाजा खोलकर यात्रियों को बाहर निकाला। इसमें 2 यात्रियों की हालत इतनी बिगड़ गई कि वो बेहोश हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

 परतापुर थाना क्षेत्र में रविवार को रैपिड रेल के मेरठ साउथ स्टेशन पर बड़ा हादसा होने से टल गया। यहां स्टेशन पर बनी लिफ्ट अचानक खराब हो गई। लिफ्ट लगभग सवा घंटे तक हवा में झूलती रही। इसकी वजह से लिफ्ट के अंदर 22 यात्री फंसे रहे।यात्रियों की सांसें अटक गईं और उनकी हालत बिगड़ने लगी। किसी तरह इंजीनियर्स की टीम ने लिफ्ट को ठीक किया और दरवाजा खोलकर यात्रियों को बाहर निकाला। इसमें 2 यात्रियों की हालत इतनी बिगड़ गई कि वो बेहोश हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

ग्राउंड से फर्स्ट फ्लोर पर जा रही थी लिफ्ट

रक्षाबंधन और वीकेंड के लास्ट आवर्स होने के कारण रविवार को रैपिड ट्रेन में यात्रियों की भीड़ बहुत ज्यादा थी। फेस्टिवल रश होने के कारण ट्रेन से लेकर प्लेटफार्म भरे थे।शाम 7 बजे कुछ यात्री दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद से मेरठ आए थे। वो मेरठ साउथ स्टेशन पर उतरे। तभी साउथ स्टेशन पर ग्राउंड से फर्स्ट फ्लोर पर जा रही लिफ्ट बीच में बंद हो गई। लिफ्ट में उस वक्त 22 यात्री थे। इसमें 5 से 7 साल की उम्र के बच्चे, जवान, बुजुर्ग, महिलाएं, पुरुष सभी थे।



लिफ्ट में अंदर फंसे 22 लोग

अचानक बीच में लिफ्ट रुकने से सभी घबरा गए। अंदर बच्चे रोने, चीखने लगे। लिफ्ट में उस वक्त कोई गार्ड या हेल्पर भी नहीं था। जो यात्रियों को सांत्वना देता।सभी यात्री बुरी तरह परेशान होने लगे। लिफ्ट में अंदर सवार लोगों में कुछ ने लिफ्ट को दोबारा संचालित करने का प्रयास किया लेकिन वो विफल रहा। सभी यात्री एक से सवा घंटे तक लिफ्ट में फंसे रहे।

सवा घंटे तक अंदर ही अटकी रही सांस

लिफ्ट फंसने के बाद स्टेशन पर चीख-पुकार मच गई। तुरंत एनसीआरटीसी फ्लोर स्टाफ मौके पर पहुंचा और इंजीनियर्स को बुलाया। लेकिन टीम ने आने में 35 मिनट से ज्यादा का समय लगा दिया।टीम देर से आई इसके बाद वो लिफ्ट को खोलने का प्रयास करने लगी। लेकिन लिफ्ट का दरवाजा आधे घंटे तक नहीं खोल पाई। करीब 40 मिनट बाद किसी तरह से दरवाजा खोला और यात्रियों को बाहर निकाला।

एक महिला, एक युवक की तबीयत बिगड़ी

इसमें मेरठ कैलाशपुरी गढ़ रोड के रहने वाले संजीव कुशवाहा बेहोश हो गए। संजीव कुशवाहा का भाई राहुल कुशवाहा सबसे पहले स्टेशन पहुंचा। राहुल ने ही सिक्योरिटी से संपर्क किया।इस बीच संजीव की तबीयत बिगड़ गई वो बेहोश हो गए। लिफ्ट खुलने पर उन्हें सुभारती अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया। वहीं एक महिला की तबीयत खराब हुई जिसे उसके परिजन उसे किसी अन्य अस्पताल में ले गए। अब दोनों ही लोग अपने घर जा चुके हैं।

लोगों ने नंबर मिलाया नहीं मिली हेल्प

यात्रियों ने बताया कि उन्होंने लिफ्ट मे लिखे कंट्रोल रूम का नंबर मिलाया और सीसीटीवी कैमरे में इशारा किया लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। इसके बाद 112 पर फोन कर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों की मदद कराई।

एक सीनियर एडवोकेट रुबीना जो मेरठ के राधा गार्डन में रहती हैं उन्होंने बताया कि वो दिल्ली जाने के लिए साउथ स्टेशन पर थी। लिफ्ट बंद होने पर उन्होंने इमरजेंसी नंबर, हार्न देखा, लेकिन कुछ नहीं मिला। यात्रियों का आरोप है कि लिफ्ट में न एसी है और न ही पंखा लगा है।

लिफ्ट में फंसे थे यह यात्री

रुबीना जफर निवासी रोहिणी दिल्ली, ज्योति, संगीता निवासीगण विजयनगर गाजियाबाद, कोमल निवासी दिल्ली गेट मेरठ, कोमल व उसकी बेटी वृंदा, काव्या, संजीव कुशवाहा निवासी कैलाशपुरी थाना नौचंदी, संजीव की बेटी रूही के अलावा 14 लोग अन्य फंसे हुए थे। रुबीना ने अपने भाई नबील और 112 पर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लिफ्ट को चालू कर नीचे उतरा और सभी को बाहर निकाला। रुबीना ने बताया कि अंदर सभी का दम घुट रहा था किसी तरह उन्होंने अपने भाई नबील और 112 पर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लिफ्ट को चालू कर नीचे उतरा और सभी को बाहर निकाला।इस संबंध में जब एनसीआरटीसी के पीआरओ पुनीत वत्स से संपर्क करने का प्रयास किया तो उनका फोन नंबर बंद मिला।

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